By अंकित सिंह | Jun 08, 2022
महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। छठे सीट के लिए महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना उम्मीदवार के बीच महा मुकाबला है। भाजपा और शिवसेना, दोनों ही तरफ से निर्दलीय तथा छोटे दलों के विधायकों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। इन सबके बीच महाराष्ट्र में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है। दरअसल, 288 सदस्य विधान सभा में एआईएमआईएम के दो विधायक हैं। अब तक असदुद्दीन ओवैसी ने अपने समर्थन को लेकर पत्ते नहीं खोलें। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर ओवैसी की पार्टी के दो विधायक किसको सपोर्ट करेंगे? इसको लेकर ओवैसी से सवाल भी किया गया। ओवैसी ने साफ तौर पर कहा कि समर्थन के लिए महा विकास आघाडी के किसी भी नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया है।
इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी कह दिया कि यदि उन्हें समर्थन चाहिए तो संपर्क करना होगा। ओवैसी ने कहा कि यदि उन्हें हमारा समर्थन चाहिए तो ठीक है, नहीं तो हम एक-दो दिनों के भीतर अपना फैसला ले लेंगे कि किसे समर्थन करना है। एआईएमआईएम ने सोमवार को नांदेड़ में अपने नेताओं की एक बैठक की, लेकिन राज्यसभा चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन का समर्थन करने या भाजपा का समर्थन करने को लेकर वह कोई फैसला नहीं कर सकी। हालांकि औरंगाबाद से एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने बताया कि जो विधानसभा क्षेत्र पार्टी के पास हैं, उनसे जुड़े उनके कुछ मुद्दे हैं। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को मतदान निर्धारित है। करीब दो दशकों के बाद राज्य में राज्यसभा चुनाव में मुकाबला होने जा रहा है क्योंकि छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं।
शिवसेना ने अपने दो उम्मीदवार संजय राउत और संजय पवार को मैदान में उतारा है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन उम्मीदवारों केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक को मैदान में उतारा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को मैदान में उतारा है। दो सीट जीतने के लिए भाजपा के पास पर्याप्त मत हैं जबकि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एक-एक सीट जीतने की स्थिति में हैं। इस बीच, शिवसेना के नेता एवं विधान परिषद के सदस्य अंबादास दानवे ने कहा कि एमवीए के नेता (मीडिया के जरिए पेश किए गए) ओवैसी के प्रस्ताव पर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि मीडिया में कहने से कुछ नहीं होने वाला। एआईएमआईएम को एमवीए के वरिष्ठ नेताओं से सीधे संपर्क करना चाहिए।