By राजीव शर्मा | Jul 03, 2021
मेरठ। मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में अब मिनी एम्स जैसी सुविधाएं मिलेंगी। मेडिकल कॉलेज में पीएमएसएसवाई के तहत 150 करोड़ रुपये से सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक तैयार किया गया है। कोरोना की दो लहरों के कारण मेडिकल कॉलेज का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल मिनी एम्स नहीं बन पाया था। मरीज सुपर स्पेशियलिटी जैसी सुविधाएं पाने से महरूम थे। अब कोरोना का साया कम होने के बाद मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशयलिटी सुविधाएं जल्द शुरू होने की उम्मीद जगी है। दिल के मरीजों के लिए कैथ लैब शुरू भी हो गई है।
मेडिकल कॉलेज में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत 150 करोड़ रुपये से सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक तैयार किया गया है। एमसीआई के मानकों के अनुसार यहां 70 करोड़ से ज्यादा के उपकरण लगाए गए हैं। हालांकि शुरू होने से पहले ही यह कोरोना की भेंट चढ़ गया। इसे कोविड-19 लेवल-3 अस्पताल में तब्दील करना पड़ा। कोरोना अब कम हो गया है। लिहाजा उम्मीद जगी है कि दिल्ली, मुंबई जैसे इलाज की सेवाएं पाने के लिए मरीजों का इंतजार खत्म होगा। 2016 में इसकी नींव रखी गई थी। बिल्डिंग बन गई लेकिन, लगातार कमियों के चलते उद्घाटन नहीं हो पाया। 2019 में लेटलतीफी के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन को फटकार भी लगी। उम्मीद थी कि 2020 में यहां मरीजों को इलाज मिलने लगेगा मगर ऐसा हो नहीं सका।
इस सुपर स्पेशलिटी बिल्डिंग में मिलनी हैं ये सुविधाएं, गुर्दे के मरीजों के लिए नेफ्रोलॉजी ओपीडी व नेफ्रोसर्जरी,दिल की सर्जरी के कार्डियोथोरेसिक व वैस्कुलर सर्जरी,बच्चों के लिए पीडियाट्रिक ओपीडी व पीडिया सर्जरी,जले हुए मरीजों के लिए रिकंस्ट्रक्टिव व प्लास्टिक सर्जरी,कैंसर के मरीजों के लिए रेडियोलॉजी थेरेपी।
डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज के अनुसार सुपर स्पेशियलिटी विंग को फिलहाल कोरोना के मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जल्द ही इसे सुपर स्पेशयलिटी में तब्दील कर दिया जाएगा। इसके लिए जरूरी संसाधन मंगाए जाएंगे।