By अभिनय आकाश | Nov 08, 2024
ऐसा लगता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक सर्वव्यापी इकाई बन गई है, जो अदालत कक्ष सहित लगभग हर जगह कार्यस्थल पर कब्ज़ा कर रही है। हमेशा वकीलों और सिस्टम को फटकार लगाने वाले सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ एआई से खासा इंप्रेस हो गए। सीजेआई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय और पुरालेख (एनजेएमए) का उद्धघाटन करने पहुंचे थे, जहां उनकी मुलाकात एआई वकील से हो गई। चंद्रचूड़ ने एआई वकील से पूछा कि क्या भारत में मौत की सजा संवैधानिक है। एक वकील के कोट पहने एआई वकील ने इस अवसर पर उपस्थित चंद्रचूड़ और अन्य अधिवक्ताओं को जवाब देते हुए कहा कि हाँ, भारत में मृत्युदंड संवैधानिक है।
यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दुर्लभतम मामलों के लिए आरक्षित है, जहां अपराध असाधारण रूप से जघन्य है और इस तरह की सजा की मांग करता है। एआई वकील से सीटक जवाब सुनकर सीजेआई अपनी हंसी नहीं रोक पाए और काफी संतुष्ट भी नजर आए। चीफ जस्टिस ने म्यूजियम की भी खूब तारीफ की और कहां कि जज सेंट्रिक नहीं है। इसमें वो भी हिस्से हैं जो हमने संविधान सभा में देखा। चंद्रचूड़ ने पहले एआई की क्षमताओं के बारे में बात करते हुए न्याय प्रदान करने में भी टेक्नोलॉजी के उपयोग की वकालत की है।
संग्रहालय के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा इसकी परिकल्पना और योजना बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लगा है। वास्तविक कार्यान्वयन में लगभग छह महीने लगे हैं। यह रिकॉर्ड समय में किया गया है। हमने सोचा कि हमारे पास न केवल कलाकृतियों का एक संग्रहालय होना चाहिए, बल्कि हमारे नागरिकों को न्याय प्रदान करने और मौलिक सुरक्षा में हमारी संस्था और उच्च न्यायालयों के महत्व को दर्शाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ के बराबर एक संग्रहालय होना चाहिए।