JD(U) के पोस्टर पर RJD का पलटवार, लिखा- क्यों ना करें विचार, बिहार जो है बीमार ?

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 04, 2019

पटना। बिहार में सत्ताधारी पार्टी जदयू के नए नारे- क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार का विरोध करते हुए राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने पटना स्थित अपने प्रदेश कार्यालय पर क्यों ना करें विचार, बिहार जो है बीमार लिखा एक पोस्टर लगाया है। जदयू ने अगले बिहार विधानसभा के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर वाला पोस्टर पटना के वीरचंद पटेल मार्ग स्थित अपने प्रदेश मुख्यालय पर एक पोस्टर लगाया जिस पर लिखा है, क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार। जदयू के इस पोस्टर का विरोध करते हुए मंगलवार को राजद ने भी अपने प्रदेश कार्यालय पर  क्यों ना करें विचार, बिहार जो है बीमार  लिखा एक पोस्टर लगाया है।

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बिहार में सत्ता में जदयू की सहयोगी भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉक्टर सीपी ठाकुरने कहा कि जदयू का नारा उन्हें ठीक नहीं लगा। भाजपा के राज्यसभा सदस्य ठाकुर ने कहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के नाते बेहतर काम कर रहे हैं, लेकिन ‘ठीके तो हैं नीतीश कुमार’ नारा गढ़ने का कोई तुक नहीं है। उन्होंने कहा कि जब वे अच्छा काम कर रहे हैं तो यह नारा लिखने की क्या जरूरत है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि राज्य में विधानसभा के चुनाव होने में जब एक साल से ज्यादा वक्त बचा है, तब एनडीए के लिए यह चुनावी मोड में आने का नहीं, कार्यकाल की शेष अवधि में विकास के ज्यादा से ज्यादा काम करने का समय है।हमारे यहां नेतृत्व को लेकर न कोई संशय है, न कोई अन्तर्कलह।

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उल्लेखनीय है कि गत 22 जुलाई को बिहार विधानसभा में सुशील ने कहा था कि राजग अगला विधानसभा का चुनाव भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लडे़गा। सुशील ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए आगे लिखा है कि पोस्टर के जरिये जनमत बनाने का अधिकार सभी दलों को है। कुछ लोग जनमत बिगाड़ने या राज्य की छवि धूमिल कर निवेशकों को डराने के लिए भी पोस्टर का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि संसदीय चुनाव के समय भी बहुत सारे पोस्टर लगाये गये थे, लेकिन जनता ने किस पर भरोसा किया, किनके पोस्टर को रद्दी-कबाड़ साबित किया, यह सामने है। सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने का विरोध और सेना के शौर्य का अपमान करने वालों के पोस्टर कहां चले? 

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