By अंकित सिंह | Jun 19, 2022
सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर देश में लगातार बवाल चल रहा है। विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। देश के कई हिस्सों में युवा इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतरे। इन सबके बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस योजना के बहाने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा कि देश के युवाओं के जीवन और महत्वाकांक्षाओं से खिलवाड़ करना गलत है। दरअसल, उद्धव ठाकरे शिवसेना के 56वें स्थापना दिवस पर पार्टी के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि यदि युवाओं के पास नौकरी नहीं होगी तो केवल भगवान राम के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है।
अपने संबोधन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पहले किसान सड़कों पर उतरे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको सिर्फ वही आश्वासन देना चाहिए, जो आप पूरा कर सकते हैं। ठाकरे ने सवाल सकते हुए कहा कि योजनाओं को अग्निपथ और अग्निवीर नाम क्यों दिया गया? 17 से 21 साल तक के युवा चार वर्षों बाद क्या करेंगे? शिवसेना प्रमुख ने कहा कि संविदा पर सैनिक रखना खतरनाक है और युवाओं के जीवन एवं महत्वाकांक्षाओं से खिलवाड़ करना गलत है। यदि युवाओं के पास नौकरी नहीं होगी तो केवल भगवान राम के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कुछ हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन होने के बावजूद महाराष्ट्र शांत है। उन्होंने कहा कि आज मेरा दिन हो सकता है, कल कोई और बेहतर विकल्प के तौर पर उभरेगा। दूसरी ओर अग्निपथ योजना को लेकर सेना की ओर से एक संवाददाता सम्मेलन किया गया। सेना की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि हम सेना में युवाओं को ज्यादा शामिल करना चाहते हैं ताकि सेना की औसत उम्र 32 साल से कम होकर 26 साल की जा सके। सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस योजना पर 1989 से विचार चल रहा था। उन्होंने यह भी साफ कह दिया है कि योजना वापस नहीं ली जाएगी। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अग्निवीरों के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव से इनकार किया है।