By अभिनय आकाश | Sep 04, 2024
पीएम मोदी ऐसे देश पहुंचे जहां 82 प्रतिशत मुस्लिम आबादी रहती है। हिंदुस्तान के किसी भी प्रधानमंत्री का पहला ब्रुनेई दौरा रहा। अपने ब्रुनेई दौरे में नरेंद्र मोदी ने भारत और ब्रुनेई के संबंधों को और मजबूत करने का तो काम किया ही और एक काम ऐसा भी किया जिसे हिंदुस्तान के एक तबके को जरूर देखना चाहिए जो पीएम मोदी को मुस्लिम विरोधी बताते हैं। पीएम मोदी के हर फैसले को हिंदू मुस्लिम के चश्मे से देखते हैं। भड़काऊ बातें करते हैं। पीएम मोदी ने ब्रुनेई में वहां से सबसे पुराने और दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे प्रसिद्ध उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया। इसका नाम ब्रुनेई के 28वें सुल्तान के नाम पर रखा गया है। हालांकि ये पहली बार नहीं है कि पीएम मोदी किसी मस्जिद में गए हों। इससे पहले भी पीएम मोदी यूएई के शेख जायद मस्जिद, ओमान के सुल्तान कबूस ग्रैंड मस्जिद, सिंगापुर के चूलिया मस्जिद, इंडोनेशिया के इस्तिकलाल मस्जिद और मिस्त्र के अल-हकीम बी-अम्र अल्लाह मस्जिद भी जा चुके हैं।
उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद, ब्रुनेई
भारतीय उच्चायोग की नई चांसरी के उद्घाटन के तुरंत बाद पीएम मोदी ने क्षेत्र की सबसे प्रमुख मस्जिदों में से एक का दौरा किया। उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद ब्रुनेई के 28वें सुल्तान के नाम पर है, जिन्हें आधुनिक ब्रुनेई का वास्तुकार और वर्तमान सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के पिता माना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत ब्रुनेई के धार्मिक मामलों के मंत्री पेहिन दातो उस्ताज़ हाजी अवांग बदरुद्दीन ने किया। ब्रुनेई के स्वास्थ्य मंत्री दातो डॉ. हाजी मोहम्मद ईशाम भी उपस्थित थे।
अल-हकीम मस्जिद, मिस्र
जून 2023 में राजधानी काहिरा में भारतीय नेता 11वीं सदी की अल-हकीम मस्जिद का दौरा किया था। इस मस्जिद का नाम छठे फातिमिद खलीफा अल-हकीम द्वि-अम्र अल्लाह के नाम पर रखा गया है। मस्जिद काहिरा में दाऊदी बोहरा समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल है। देश की चौथी सबसे पुरानी ऐतिहासिक मस्जिद का मिस्र सरकार द्वारा बोहरा समुदाय के सहयोग से नवीनीकरण किया गया था। यह संरचना 13,560 वर्ग मीटर के क्षेत्र को कवर करती है, जिसमें प्रतिष्ठित केंद्रीय प्रांगण 5,000 वर्ग मीटर में फैला है।
इस्तिकलाल मस्जिद, इंडोनेशिया
चूलिया मस्जिद, सिंगापुर
जून 2018 में अपनी सिंगापुर यात्रा के दौरान मोदी ने चुलिया मस्जिद और श्री मरिअम्मन मंदिर का दौरा किया। मध्य क्षेत्र के चाइनाटाउन जिले में साउथ ब्रिज रोड पर स्थित, यह सिंगापुर की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है। इसकी स्थापना 1826 में चुलियास द्वारा की गई थी, जो भारत के कोरोमंडल तट के तमिल मुस्लिम व्यापारी थे।
सुल्तान कबूस ग्रैंड मस्जिद, ओमान
फरवरी 2018 में भारत के लिए प्रस्थान करने से पहले, पीएम मोदी ने मस्कट में सुल्तान कबूस ग्रैंड मस्जिद का दौरा किया। मस्जिद, जो गैर-मुस्लिम आगंतुकों को अनुमति देती है, शहर के मुख्य आकर्षणों में से एक है। उनके साथ ओमान के पूर्व राजा, सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद और अन्य अधिकारी भी थे। उन्होंने आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए और मस्जिद में समर्थकों से मुलाकात की।
शेख जायद ग्रैंड मस्जिद, संयुक्त अरब अमीरात
क्या मोदी की मुसलमानों से फ्रेंडशिप अब हो जाएगी?
ब्रुनेई के सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद पीएम मोदी ऐसे समय में गए जब हिंदुस्तान के भीतर बिल्कुल अलग है। बात जातियों और धर्म की ज्यादा हो रही है। पीएम मोदी के हर फैसले पर हिंदू मुसलमान हो रहा है। वक्फ बोर्ड पर फैसला हो या फिर बात यूसीसी की हो। हिंदुस्तान में एंटी मोदी ब्रिगेड लगातार पीएम मोदी को टारगेट कर रहा है। ऐसे में पीएम मोदी ब्रनेई के उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद में मौजूद होकर हिंदुस्तान के साथ ही दुनिया को भी बड़ा संदेश दिया। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस दौरे को देखने का नजरिया भी अपनी अपनी सहूलियत के हिसाब से ही सबका होगा। लेकिन इन सबके बीच जो सबसे बड़ा सवाल है कि मोदी के मस्जिद जाने से नैरेटिव कितना बदलेगा? क्या मोदी की मुसलमानों से फ्रेंडशिप अब हो जाएगी?