By अंकित सिंह | Oct 27, 2022
राज्यों के गृह मंत्रियों के साथ आज चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। इस दौरान अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि चिंतन शिविर में जो भी फैसले लिए गए हैं, वह थानों तक जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद शांति के नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कश्मीर विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है। साथ ही साथ उन्होंने दावा किया कि 2014 के बाद वामपंथी उग्रवाद में भी 87 प्रतिशत में कमी आई है। अमित शाह ने कहा कि पीएफआई पर कार्रवाई आतंक विरोधी अभियान का हिस्सा था। इसके साथ उन्होंने कहा कि नए आईपीसी, सीआरपीसी काम चल रहा है। हमने बहुत होमवर्क किया है और जल्द ही इसे संसद में पेश करेंगे।
इसके साथ गृह मंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी साझा रणनीति होनी चाहिए और बहुत सारे दीर्घकालिक समझौते हुए हैं। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, आतंकवादी गतिविधियों में 34% की कमी, सुरक्षा बलों की मौत में 64% की कमी और नागरिक मौतों में 90% की कमी हुई है। हरियाणा के सूरजकुंड में 2 दिवसीय चिंतन शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह चिंतन शिविर अपराध, साइबर अपराधों, नशीले पदार्थों, सीमा पार आतंकवाद, देशद्रोह और अन्य से निपटने के लिए एक संयुक्त योजना बनाने में मदद करेगा। ..."
अमित शाह ने कहा कि हमें सहकारी संघवाद और संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में सक्षम होने के लिए 3C - सहयोग, समन्वय और सहयोग को महत्व देना होगा ... संसाधन अनुकूलन और एकीकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमने 2024 तक हर राज्य में NIA शाखाएं स्थापित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी और आईपीसी में सुधार के संबंध में विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए हैं। मैं इसे विस्तार से देख रहा हूं, इसमें घंटों निवेश किया है। हम बहुत जल्द संसद में नए सीआरपीसी, आईपीसी ड्राफ्ट लेकर आएंगे।