नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव का मतदान रविवार को सम्पन्न होने के बाद आये एक्जिट पोल के नतीजों को वाम दलों ने खारिज करते हुये आगे की रणनीति के बारे में फिलहाल चुनाव परिणाम की प्रतीक्षा करने की बात कही है। माकपा और भाकपा ने 23 मई को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद आगे की रणनीति तय करने का फैसला किया है। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद ही विपक्ष का कोई सार्थक गठजोड़ आकार लेगा। चुनाव परिणाम से पहले चल रही सभी तरह की कोशिशें मात्र कोरी कवायद हैं। उल्लेखनीय है कि मौजूदा लोकसभा में माकपा के नौ और भाकपा का सिर्फ एक सदस्य है। विपक्षी मोर्चे के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव परिणाम आने के बाद ही सरकार के गठन को लेकर कोई पहल की जायेगी। एक बात स्पष्ट है कि धर्मनिरपेक्ष विचारों वाली वैकल्पिक सरकार बनने जा रही है। सरकार का क्या स्वरूप होगा, कौन इसे बनायेगा, ये सब बातें चुनाव के बाद तय होंगी।’’
भाकपा ने किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में फिलहाल विपक्ष में बैठने का मन बनाया है। पार्टी के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि चुनाव के बाद की रणनीति तय करने के लिये 27 और 28 मई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलायी गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को बहुमत नहीं मिलने पर भाकपा को विपक्ष की भूमिका निभाना चाहिये। भाकपा के राज्यसभा सदस्य डी राजा ने भी कहा कि 23 मई को चुनाव के नतीजे आने के बाद वामदल अपनी भूमिका तय करेंगे। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने बताया कि विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनने को लेकर 23 मई के पहले पार्टी की कोई बैठक नहीं है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ही भविष्य की रणनीति तय होगी। अंजान ने कहा, ‘‘हमारी कोशिश है कि सांप्रदायिक ताकतों को सरकार बनाने से कैसे रोका जाये।’’
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संघीय मोर्चा या कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन में किसे चुनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वाम दल मिलकर अपनी दिशा तय करेंगे। हालांकि अंजान ने यह जरूर कहा, ‘‘इस चुनाव ने साबित कर दिया है कि कांग्रेस पूरी तरह से भाजपा की ‘बी टीम’ है।’’ चुनाव परिणाम के बाद माकपा की वैकल्पिक संभावनाओं के सवाल पर येचुरी ने कहा, ‘‘इससे पहले भी वैकल्पिक सरकारों का गठन किया गया है। इस बार भी वही स्थिति चुनाव के बाद उत्पन्न होने जा रही है। इसके मुताबिक ही अतीत की तर्ज पर इस बार भी सरकार का गठन होगा।’’ उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा सरकार का गठन चुनाव के बाद हुआ था। यहां तक कि राजग और संप्रग भी चुनाव के बाद ही वजूद में आये थे। येचुरी ने इस चुनाव के बाद विपक्ष का एक नया गठजोड़ बनने के संकेत देते हुये बताया कि उनकी तेदेपा नेता चंद्रबाबू नायडू सहित अन्य दलों के नेताओं से बातचीत चल रही है। चुनाव परिणाम आने के बाद बनने वाली परिस्थितियां मजबूत गठबंधन बनने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। येचुरी ने कहा, ‘‘इस बार भी नया विकल्प बनाने की स्थिति बनेगी और इसके आधार पर वैकल्पिक सरकार आ रही है।’’ हालांकि उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि माकपा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस से अपनी नाराजगी भुलाकर इनके खेमे में शामिल होना पसंद करेगी या दूरी बना कर रखेगी।