By अनुराग गुप्ता | Sep 21, 2021
शिमला। पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान समाप्त हो चुका है। इसी के साथ ही पार्टी अध्यक्षा सोनिया समेत पूरा गांधी परिवार छुट्टियां मनाने के लिए हिल स्टेशन पहुंचे हैं। दरअसल, पंजाब में पार्टी के दिग्गज नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को सत्ता सौंप दी। जिसके बाद पंजाब कांग्रेस में सबकुछ सामान्य नजर आ रहा है।
राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ शिमला में स्थित प्रियंका के कॉटेज में पहुंचे हैं। जहां पर प्रियंका पहले से ही अपने परिवार के साथ छुट्टियां मना रही हैं। आपको बता दें सोनिया गांधी ने हवाई रास्ते से चंडीगढ़ तक का सफर तय किया। उसके बाद सड़क मार्ग से शिमला पहुंचीं। हालांकि राहुल नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद शिमला के लिए निकले थे।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गांधी परिवार शिमला में तीन दिनों की छुट्टियां मानने के लिए पहुंचा है। हालांकि इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है। वहीं पंजाब कांग्रेस में सुलझ होने के बाद राजस्थान के पायलट गुट के बीच उम्मीद जगी है कि यहां भी स्थिति सुधर जाएगी।क्या जादूगर दिखा पाएंगे अपना खेल ?राजनीति के जादूगर समझे जाने वाले और गांधी परिवार को जादू का खेल दिखा चुके 'अशोक गहलोत' खेमे को झटका लग सकता है ? ऐसे सवाल भी उठने लगे हैं। राजस्थान कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रतिद्वंद्वी गुटों और पायलट खेमे को संभाल पाने में सक्षम नहीं हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को लगता है कि पितृ पक्ष के बाद कुछ बड़ा हो सकता है।मंत्रिमंडल विस्तार
कांग्रेस ने पिछले साल राजस्थान में सचिन पायलट द्वारा किए गए विद्रोह का डटकर मुकाबला किया और अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार को बचाने में कामयाब रही, हालांकि प्रदेश इकाई में अभी भी असंतोष बना हुआ है। ऊपर से मंत्रिमंडल का विस्तान नहीं हुआ। इस मंत्रिमंडल विस्तार में पायलट अपने खेमे के विधायकों के लिए अच्छे पद चाहते हैं।अस्वस्थ हैं गहलोतकांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन, जिन्होंने पंजाब के नेतृत्व परिवर्तन में अहम जिम्मेदारी निभाई वो पायलट गुट की मांगों पर विचार करने के लिए गठित एआईसीसी समिति का हिस्सा हैं। हाल ही अजय माकन ने कहा था कि राजस्थान मंत्रिमंडल विस्तार और विभिन्न बोर्ड-निगमों में नियुक्तियों को लेकर रोडमैप तैयार है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगर अस्वस्थ नहीं होते तो अभी तक काम पूरा हो चुका होता।