चिराग पासवान के बाद अब रमेश पोखरियाल निशंक को भी खाली करना होगा दिल्ली का बंगला, सिंधिया को किया गया है आवंटित

By टीम प्रभासाक्षी | Apr 03, 2022

चिराग पासवान को जिस तरह अपने पिता रामविलास पासवान के लिए आवंटित बंगले से निकाला गया उसी तरह से अब एक बीजेपी नेता को भी निकाला जाएगा। दरअसल देश के पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को 27 सफदरजंग रोड बंगला आवंटित किया गया था। अब केंद्र सरकार ने इस बंगले को खाली कराने की पूरी तैयारी कर ली है। कहा जा रहा है कि यह बंगला केंद्रीय उड्डयन मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया को आवंटित किया गया है।


27 सफदरजंग रोड वही बंगला है जो लंबे समय से सिंधिया परिवार के पास था। यह बंगला ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया को कांग्रेस सरकार ने केंद्र में मंत्री बनने पर आवंटित किया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 2019 तक इसी बंगले में थे। 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे। तब उन्हें यह बंगला खाली करना पड़ा था।


रमेश पोखरियाल निशंक 27 सफदरजंग रोड पर पिछले कुछ वर्षों से रह रहे हैं। अब वह मंत्री नहीं है इसीलिए उन्हें दो तुगलक लेन में नया आवास दिया गया है, लेकिन उन्होंने अभी तक सफदरजंग वाला बंगला खाली नहीं किया है। अब कहा जा रहा है कि अधिकारी चिराग पासवान के बंगले की तरह ही रमेश पोखरियाल निशंक से भी यह बंगला खाली करवाएंगे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निष्कासन शुरू करने के लिए सोमवार को एक टीम भी भेजी जाएगी।


अखबार ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि रमेश पोखरियाल निशंक को संपदा निदेशालय की ओर से बार-बार नोटिस दिया गया है लेकिन अब तक उन्होंने यह बंगला खाली नहीं किया। उनकी तरफ से बंगले में रहने के लिए एक पत्र भी लिखा गया लेकिन उन्हें बंगले में रहने की अनुमति नहीं दी गई।


आदित्य सिंधिया बीजेपी में आए और केंद्र में मंत्री पद संभाला तो उन्हें केंद्र सरकार द्वारा 3 बंगलों का विकल्प दिया गया था। लेकिन उन्होंने 2770 जंग रोड आवंटित करने का अनुरोध किया। रमेश पोखरियाल द्वारा बंगला खाली नहीं करने की वजह से सिंधिया अपने निजी निवास आनंद लोक पर रह रहे हैं।


गौरतलब है कि रमेश पोखरियाल निशंक अब मंत्री नहीं है, इसलिए उन्हें VIII बंगला नहीं दिया जा सकता है। संपदा निदेशालय के नियमों के मुताबिक, VIII टाइप का बंगला सेवारत मंत्रियों, राज्यसभा सदस्यों, और न्यायपालिका के वरिष्ठ सदस्यों को ही आवंटित किया जाता है।

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