By प्रिया मिश्रा | Jun 15, 2022
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी वैक्सीन खोज निकाली है जिसकी महज एक खुराक से एचआईवी वायरस का इलाज किया जा सकता है। इजरायल की टेल अवीव यूनिवर्सिटी की एक टीम के नेतृत्व में तैयार की गई इस वैक्सीन को काफी अच्छे रिजल्ट प्राप्त हुए। वैज्ञानिकों ने शरीर में मौजूद टाइप बी वाइट सेल्स के जीन में कुछ बदलाव किए, जो एचआईवी वायरस को निष्क्रिय करने में सफल रहे। इस शोध के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि एचआईवी एड्स का इलाज किया जा सकेगा।
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है और यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) का कारण बन सकता है। एचआईवी पहली बार मध्य अफ्रीका में एक प्रकार के चिंपैंजी में पाया गया था। माना जाता है कि यह 1800 के दशक के अंत तक मनुष्यों में खोजा गया था। फ़िलहाल एचआईवी-एड्स का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि, दवाओं से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। एक स्टडी के मुताबिक, 2020 में दुनिया में करीब 3.7 करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार थे। यह बीमारी मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध बनाने, दूषित खून चढ़ाने, संक्रमित सीरिंज के इस्तेमाल और एचआईवी संक्रमित गर्भवती मां से उसके बच्चे में फैलती है।
इस अध्ययन के निष्कर्ष नेचर जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं। टीम का दावा है कि इस इंजेक्शन में एचआईवी एड्स से ग्रस्त रोगियों की स्थिति में जबरदस्त सुधार लाने और वायरस को हराने की क्षमता है। b-cells एक प्रकार के वाइट ब्लड सेल्स होते हैं जो वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ एंटी बॉडी बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह वाइट सेल्स बोन मैरो में बनते हैं। जब यह परिपक्व हो जाते हैं तो भी सेल्स खून कि तेरे शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच जाते हैं।
वैज्ञानिकों ने अब शरीर के अंदर इन बी सेल्स के जीन में बदलाव करके एचआईवी वायरस के कुछ आसान से संपर्क करवाया। इस तरह से तैयार बी सेल्स एचआईवी वायरस को तोड़ने में सफल रहे। सबसे खास बात यह है देखेंगे कि जैसे-जैसे एचआईवी वायरस ने अपनी शक्ति बढ़ाई उसी के मुताबिक इन बी सेल्स ने भी अपनी क्षमता बढ़ाई और वायरस का मुकाबला किया।