By अनन्या मिश्रा | Oct 24, 2023
बीसीए करने वाले छात्र अक्सर इस बात को लेकर कंफ्यूजन में रहते हैं कि MCA किया जाए या फिर MBA। बीसीए एक ऐसा कोर्स है, जो कंप्यूटर एप्लीकेशन के शुरूआती तौर पर परिचय करवाता है। क्योंकि बीसीए करने के दौरान आपको समझ आ जाता है कि आपमें सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर की योग्यता रखते भी हैं या नहीं। बीसीए करने के बाद एमसीए या एमएससी करने का तभी मतलब होता है, जब आप एक सॉफ्टवेयर कंप्यूटर प्रोग्रामर बनना चाहते हों। बता दें कि देश में सॉफ्टवेयर कंपनियां काफी ज्यादा हैं, जो हर साल बड़ी संख्या में MCA या MSC कंप्यूटर छात्रों का चयन करती हैं।
हांलाकि अगर आपको लगता है कि प्रोग्रामिंग स्किल और लॉजिक आपके वश की बात नहीं है, तो ऐसे में बीसीए के बाद आपको MBA करना चाहिए। MBA के आखिरी सेमेस्टर में स्टूडेंट्स को स्पेशलाइजेशन का पेपर लेना होता है। वहीं एक समय में सिर्फ चार स्पेशलाइजेशन के पेपर होते थे। जिनमें मार्केटिंग, फाइनेंस, एचआर और प्रोडक्शन शामिल थे। लेकिन अब अतिरिक्त ढेरो नए स्पेशलाइजेशन पेपर के ऑप्शन में MBA उपलब्ध है। जिनमें एक है सिस्टम या आईटी।
इसके अलावा, ई कॉमर्स में काम करने वाली कंपनियां, जैसे अमेजन, टाटा, रिलायंस डिजिटल और फ्लिपकार्ट जैसी अनगिनत कंपनियों में स्टूडेंट्स को नौकरी में तरहीज देती है। इसमें वह छात्र शामिल होते हैं जिनको कंप्यूटर के साथ मैनेजमेंट की भी अच्छी खासी जानकारी हो। तमाम कंपनियां अपने आईटी संबंधी प्रोजेक्ट के लिए ऐसे छात्रों को हायर करती हैं।
कॅरियर संभावनाएं
बता दें कि MBA उन छात्रों के लिए अच्छा है, जो बिजनेस फील्ड में काम करने के इच्छुक होते हैं। MBA करने वाले छात्रों को मार्केटिंग, फाइनेंस और ह्यूमन रिसॉर्सेज में काम करने का मौका मिलता है। वहीं अगर सैलरी की बात की जाए तो ऐवरेज सैलरी 5-6 LPA होती है।
वहीं MCA के बाद उन छात्रों को अच्छे मौके मिलते हैं जिन्हें एकेडमिक्स और रिसर्च में इंट्रेस्ट होता है। जिन छात्रों को मैथ्स पसंद है, उनके लिए MCA इसके लिए है। MCA में आपकी एवरेज सैलरी 4-5 LPA होती है।