By नीरज कुमार दुबे | Jul 08, 2024
दो दिवसीय रूस यात्रा पर पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज मास्को में भव्य स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग भी मौजूद थे जिन्होंने भारत माता की जय और मोदी मोदी के नारों के साथ भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत किया। भारतीय समुदाय से मिलकर प्रधानमंत्री बेहद खुश नजर आये। वहीं कई दिनों से प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियों में जुटे भारतीय समुदाय की खुशी का उस समय ठिकाना नहीं रहा जब उन्हें प्रधानमंत्री से मिलने का अवसर मिला।
हम आपको बता दें कि मास्को आगमन पर प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। इसके अलावा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मॉस्को में 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में मंगलवार को होने वाली वार्ता से पहले आज रात भारतीय प्रधानमंत्री के लिए निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे।
हम आपको बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से यह भारतीय प्रधानमंत्री की रूस की पहली यात्रा है। यह, 2019 के बाद से मोदी की रूस की पहली और अपने तीसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा भी है। उल्लेखनीय है कि भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है। वार्षिक शिखर सम्मेलन बारी-बारी से भारत और रूस में आयोजित किए जाते हैं। पिछला शिखर सम्मेलन 6 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था तब राष्ट्रपति पुतिन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए थे। शिखर सम्मेलन में दोनों पक्षों ने ‘शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत-रूस साझेदारी’ नामक एक संयुक्त बयान के अलावा 28 समझौता ज्ञापनों और समझौतों पर मुहर लगाई थी।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने आखिरी बार 16 सितंबर, 2022 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय वार्ता की थी। इस दौरान मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए पुतिन पर दबाव डालते हुए कहा था, ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है।’’ फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से, मोदी ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर कई बार बातचीत की है। इस बीच, मोदी की मॉस्को यात्रा से पहले क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि एजेंडा ‘व्यापक’ होगा।
दूसरी ओर, यूक्रेन में संघर्ष के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका निभाना चाहता है। मोदी ने एक बयान में कहा, ''भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में और बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों से लोगों का संपर्क आदि क्षेत्र शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं, मेरे मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर दृष्टिकोण साझा करने को लेकर आशान्वित हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण एवं स्थिर क्षेत्र के लिए सहायोगात्मक भूमिका निभाना चाहते हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उन्हें रूस में जीवंत भारतीय समुदाय से मिलने का अवसर भी प्रदान करेगी।
हम आपको बता दें कि रूस के साथ अपनी मजबूत दोस्ती को इंगित करते हुए भारत ने अभी तक यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की निंदा नहीं की है। भारत यह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। इसके अलावा, जी-7 देशों द्वारा मूल्य सीमा तय किए जाने तथा कई पश्चिमी देशों में खरीद को लेकर बढ़ती बेचैनी के बावजूद भारत द्वारा रूस से सस्ते दाम पर कच्चे तेल के आयात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। साथ ही भारत, रूस के साथ अपनी ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ का पुरजोर बचाव करता रहा है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद उसने संबंधों में गति को बनाए रखा है।