By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 21, 2020
माले/ काबुल। अफगानिस्तान और मालदीव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से प्रस्तावित दक्षेस कोरोना आपदा कोष में 10.2 लाख डॉलर का योगदान देने की शनिवार को प्रतिबद्धता जताई। क्षेत्र में तेजी से फैल रही वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए भारत ने एक करोड़ डॉलर जुटाने की शुरुआती पेशकश की थी।
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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के प्रवक्ता सेदिक सिद्दिकी ने कहा कि अफगान सरकार तेजी से फैल रही कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए संयुक्त और मजबूत साझेदारी में यकीन करता है। सिद्दीकी ने ट्वीट में कहा, “अफगान सरकार ने दक्षेस राष्ट्र प्रमुखों से साथ हुई चर्चा के मुताबिक कोविड-19 को 10 लाख डॉलर का योगदान स्वीकृत किया है और वह इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए संयुक्त एवं मजबूत साझेदारी में यकीन करता है।”
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इससे पहले आपदा एवं बचाव कोष बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के कदम का स्वागत करते हुए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि देश कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से सामने आ रही चुनौतियों से निपटने की पहल में शामिल होगा। शाहिद ने ट्वीट किया, “हम कोविड-19 आपदा बचाव कोष बनाने और एक करोड़ डॉलर देने की प्रतिबद्धता की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का स्वागत करते हैं।
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मालदीव सरकार पहल में शामिल हो रही है और कोविड-19 संबंधी मुद्दों के लिए दो लाख डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताता है।” नेपाल और भूटान ने दक्षेस कोरोना आपदा कोष में क्रमश: 10 लाख और एक लाख डॉलर देने की शुक्रवार को प्रतिबद्धता जताई थी। मोदी ने बाद में इन दोनों देश के नेताओं को उनके योगदान के लिए ट्विटर पर धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट किया, “भूटान सरकार की ओर से कोविड-19 आपदा कोष में 1,00,000 का योगदान देने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री डॉ लोते शेरिंग का आभार।”
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मोदी ने ट्वीट किया, “कोविड-19 आपदा कोष में 10 करोड़ नेपाली रुपये देने की प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की घोषणा बेहद सराहनीय। यह वैश्विक महामारी के खिलाफ दक्षेस देशों की संयुक्त जंग में ओली जी की प्रतिबद्धता एवं समर्थन को दिखाता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षेस नेताओं की पहलों को देखना सुखद है जो कोरोना वायरस के खिलाफ संयुक्त जंग को मजबूती दे रही हैं।
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 15 मार्च को हुए दक्षेस राष्ट्रों के सम्मलेन में मोदी के अलावा, भूटान के प्रधानमंत्री लोत शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री ओली, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और स्वास्थ्य पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की विशेष सहायक जफर मिर्जा ने हिस्सा लिया था।