By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 30, 2022
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि राज्य बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए प्रयास कर रहा है जिससे हर साल कई लोगों की जान जाती है और संपत्ति की हानि होती है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ समय पहले तक उत्तर प्रदेश के 38 जिले हर साल बाढ़ से प्रभावित रहते थे। आज यह महज चार जिलों तक सीमित होकर रह गया है।’’ इस सफलता के लिए किए गए प्रयासों पर चर्चा करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि जब उन्होंने 2017 में मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, तो उन्हें बाराबंकी में एल्गिन ब्रिज से संबंधित 100 करोड़ रुपये का व्यय बिल मिला था।
उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के लिए सिर्फ एक जगह पर हर साल इतनी बड़ी राशि खर्च की जा रही थी। आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने उक्त स्थल का दौरा किया और नदी से गाद निकालकर बाढ़ के प्रभाव को कम करने का प्रयास किया। इसके परिणामस्वरूप बहराइच, गोंडा और बाराबंकी जिलों में बाढ़ की समस्या को नियंत्रित करने में सरकार ने 100 करोड़ रुपये खर्च करने के बजाय केवल पांच करोड़ रुपये खर्च किए। आदित्यनाथ ने यहां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित आपदा प्रबंधन पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘‘आपदाओं से बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता को बढ़ाये जाने की जरूरत है।
कर्मियों का समय पर प्रशिक्षण, बचाव के उपायों को सही इरादे से लागू एवं संचालित करने से ही आपदाओं से होने वाले नुकसान के प्रभाव को कम किया जा सकता है।’’ आपदा प्रबंधन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा है कि अगर लोगों को यह पता होगा कि बाढ़, भूकम्प, आकाशीय बिजली, अग्निकांड आदि के समय उन्हें कैसी सावधानियां बरतनी चाहिए, तो निश्चित ही बड़ी जनहानि से बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने मिर्जापुर और सोनभद्र जैसे जिलों में आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि की जानकारी देते हुए इसे रोकने के लिए अलर्ट सिस्टम को और बेहतर करने की आवश्यकता भी जताई।
मुख्यमंत्री ने आपदाओं की रोकथाम में ‘आपदा मित्रों’ की भूमिका की सराहना करते हुए इस कार्य में ग्राम पंचायतों को जोड़ने और ‘आपदा मित्रों’ की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया। आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरुकता बढ़ाने पर भी जोर दिया। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी)-हैदराबाद द्वारा विकसित ‘बाढ़ एटलस’ का अनावरण किया।