By अंकित सिंह | Jul 10, 2023
पश्चिम बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पांच बार पार्टी के लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को राज्य में पंचायत चुनावों से संबंधित हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की याचिका के साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। 8 जून को मतदान की तारीखों की घोषणा के बाद से चुनाव संबंधी हिंसा में 39 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 8 जुलाई को मतदान के दिन 20 लोग हिंसा के शिकार हुए। इसको लेकर राजनीति भी खूब हो रही है।
अधीर रंजन चौधरी ने अपने बयान में कहा कि हमारी तीन मांगे हैं पहला पीड़ितों को मुआवज़ा राशि दी जाए, दूसरा घायलों का पूरा इलाज कराया जाए और तीसरा इलाज के साथ-साथ वित्तीय सहायता दी जाए। उन्होंने कहा कि हमने यह भी मुद्दा उठाया कि पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा होने की पूरी संभावना थी तो पहले से राज्य सरकार की ओर से तैयारी क्यों नहीं की गई। साथ ही हिंसा क्यों हुई? इतने लोग मारे गए, इसकी सख्त रूप से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने उल्लेख किया है कि इस बात का स्पष्ट संकेत था कि हिंसा होगी। पूर्व सूचना के तौर पर सरकार ने मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द करने का कदम उठाया... इसका मतलब है कि राज्य सरकार को इसकी अच्छी तरह से आशंका थी। मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। मैं न्यायपालिका से जांच करने का आग्रह करता हूं। आखिर क्यों हुई ऐसी हिंसा।
उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से पंचायत चुनाव की अशांति को लेकर सवाल करते हुए कहा, 'सुप्रभात मैं मुर्शिदाबाद से हूं। मेरे जिले मुर्शिदाबाद समेत पूरे राज्य में अशांति है। हर दिन मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि मृतकों के परिजनों को नहीं पता कि शव लाने के लिए कहां जाएं। उन्होंने केस दर्ज करने की इजाजत भी मांगी। दोपहर दो बजे त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया गया। मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि 'राज्य का पक्ष कौन है? अधीर ने कहा कि हम मामले की प्रति उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा, ''मुझे अपने केस की एक कॉपी दीजिए। मामले को अनुमति देना. राज्य के महाधिवक्ता को सूचित करें। अधीर ने मुआवजे की मांग करते हुए हाई कोर्ट में मामला दायर किया। चीफ जस्टिस ने सभी पक्षों से जल्द से जल्द जानकारी देने को कहा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस मामले की सुनवाई होगी।