By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 08, 2020
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘मानवशास्त्रीय और पुरातात्विक साक्ष्य इंगित करता है कि बंगाली भाषी कई जातीय समूहों से मिलकर बने और उन्हें बंगाली जोड़ती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं भारत की नयी शिक्षा नीति में बंगाली को शास्त्रीय की श्रेणी में शामिल करने के लिए विचार करने का आग्रह करूंगाताकि देश में शास्त्रीय भाषाओं की सूची का निर्धारण करने के लिए अर्हता की गहराई से संदर्भित हो सके।’’
अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को यह पत्र नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रविंद्र नाथ ठाकुर की 79वीं पुण्यतिथि पर लिखा। उल्लेखनीय है कि नयी शिक्षा नीति में संस्कृत, तमिल, कन्नड, तेलुगू, मलयालम ओडिया को शास्त्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया गया है। नयी शिक्षा नीति को 29 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी जो 34 साल पुरानी शिक्षा नीति का स्थान लेगी।