कभी PM को बताया घुसपैठिया तो कभी कश्मीर पर दिया विवादित बयान, अपनी बातों से पार्टी की फजीहत कराना अधीर रंजन की सबसे पसंदीदा गलती है

By अभिनय आकाश | Jul 28, 2022

महात्मा गांधी का सूक्ति वाक्य है बोलो तभी जब वो मौन से बेहतर हो। लेकिन नेताओं का किसी भी मामले में बयान देना तो आम है। कई बार इन बयानों की वजह से मुश्किल भी खड़ी हो जाती है और विवादों को देखते हुए जुबान फिसलने की बात कर अपने बयान से कन्नी भी काट जाते हैं। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी जो अक्सर अपने बयानों की वजह से विवादों में रहते हैं। कभी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को निर्बला बताकर तो कभी कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानिटरिंग किए जाने की बात कर पार्टी की फजीहत करा चुके अधीर रंजन चौधरी के ताजा बयान को लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कहकर संबोधित किया था। बीजेपी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस के साथ ही अधीर रंजन पर भी जमकर निशाना साधा। 

इसे भी पढ़ें: डायलॉग देने में माहिर हैं मिथुन चक्रवर्ती, अधीर रंजन चौधरी बोले- सियासी झूला झूलने में रही है दिलचस्पी, कभी TMC तो कभी BJP में रहे

नक्सली से नेता 

साल 2007 की बात है प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को यूपीए की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया और दिल्ली के अशोका होटल में सोनिया गांधी ने डिनर का आयोजन किया। वैसे तो इस डिनर का मुख्य मकसद सांसदों की प्रतिभा पाटिल से मुलाकात कराना था। लेकिन उस वक्त कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रियरंजन दास मुंशी के साथ बैठे एक नेता का परिचय सोनिया गांधी ने ‘टाइगर ऑफ बंगाल’ के रूप में कराया। अधीर रंजन चौधरी नक्सली थे और स्कूली पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर नक्सलबाड़ी आंदोलन से जुड़ गए थे। इमरजेंसी के दौर में मीसा एक्ट के तहत गिरफ्तार हुए। 1977 में राज्य में ज्योति बसु की सरकार आई तो सैकड़ों नक्सलियों को माफी दी गई। अधीर रंजन उनमें से एक थे और फिर बाद में राजीव गांधी के दौर में कांग्रेस में शामिल हो हुए। जिसके बाद से उनका राजनीतिक ग्राफ लगातार बढ़ता ही गया। लेकिन एक बात और भी सच है कि अधीर रंजन चौधरी के अध्यक्ष रहते हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस अपना खाता तक खोलने में सफल नहीं हो पाई। 

इसे भी पढ़ें: संसद भवन में स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी के बीच हुई तीखी नोकझोंक, जानें फिर क्या हुआ

कश्मीर को लेकर दिया था विवादित बयान, शाह ने बोला- इसके लिए दे देंगे जान

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा था कि कश्मीर का मसला संयुक्त राष्ट्र में है और यूएन इसे मॉनिटर कर रहा है, तो इस मामले पर सरकार कैसे बिन बना सकती है। जिसा जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर, भारत का अभिन्न अंग है। जब भी मैं जम्मू-कश्मीर कहता हूं तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और अक्साई चीन भी इसके अंदर आता है। क्या कांग्रेस पीओके को भारत का हिस्सा नहीं मानती है। हम इसके लिए जान दे देंगे।

बड़ा पेड़ गिरता है धरती थोड़ी हिलती है

राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन राहुल गांधी ने अपने पिता को याद करते हुए काफी भावुक ट्वीट किए। कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी। लेकिन इसी क्रम में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी राजीव गांधी को याद करते हुए ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने राजीव गांधी की अलग-अलग मुद्राओं में तस्वीर के साथ ही बड़े-बड़े अक्षरों में फोटो कैप्शन में लिखा- ''When a big tree falls, the ground shakes'' यानी जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। हालांकि थोड़ी देर बाद ही अधीर रंजन चौधरी ने वो ट्वीट हटा दिया। उसकी जगह नया ट्वीट किया गया जिसमें तस्वीर तो वही थी लेकिन इसका कैप्शन बदल गया था और इसमें लोगों के विकास की बातें कही गई।

वित्त मंत्री को बताया निर्बला

लोकसभा में इस मामले पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि यूएस-चीन के बीच व्यापार युद्ध से संकेत मिले हैं कि कई कॉरपोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से बाहर निकलना चाह रही हैं। जिसके बाद कांग्रेस की ओर से अधीर रंजन चौधरी ने जवाब दिया। अपने संबोधन में अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘..कभी-कभी मुझे आपको, बहुत सम्मान तो करते हैं आपको हालात देखकर मुझे कहने को दिल करता है कि आपको निर्मला सीतारमण के बदले ‘निर्बला सीतारमण’ कहना ठीक होगा या नहीं, क्योंकि आप मंत्री पद पर हैं लेकिन आप जो चाहते हैं वो आप कर भी पाती हैं या नहीं, मुझे मालूम नहीं। 

पीएम मोदी को बताया घुसपैठिया

राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का जिक्र करते हुए चौधरी ने विवादित बयान दिया था। लोकसभा में बोलते हुए रंजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के लिए ‘घुसपैठिया’ शब्द का इस्तेमाल किया था।  

प्रमुख खबरें

यहां आने में 4 घंटे लगते हैं, लेकिन किसी प्रधानमंत्री को यहां आने में 4 दशक लग गए, कुवैत में प्रवासी भारतीयों से बोले पीएम मोदी

चुनाव नियमों में सरकार ने किया बदलाव, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के सार्वजनिक निरीक्षण पर प्रतिबंध

BSNL ने OTTplay के साथ की साझेदारी, अब मुफ्त में मिलेंगे 300 से ज्यादा टीवी चैनल्स

नक्सलियों के 40 संगठनों के नामों का खुलासा किया जाये: Yogendra Yadav ने फडणवीस के बयान पर कहा