By अंकित जायसवाल | Jul 24, 2023
अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से ही कंपनी में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। हालांकि गौतम अडानी खुद अडानी समूह पर लगे डेंट को सही करने की कोशिश करते देखे गए हैं। इस क्रम में उन्होंने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कई बार बयान जारी किया है और बताया कि समूह में सब कुछ सही चल रहा है। इन सब के बावजूद अडानी की कंपनी मुश्किल में घिरती जा रही है। कंपनी कई कारोबार से अपने हाथ समेट रही हैं। जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह को लेकर खुलासा किया, जिसके बाद से गौतम अडानी और उनकी कंपनी को एक के बाद एक झटके लगे रहे हैं।
गौतम अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने कंपनियों में निवेशकों का विश्वास कमजोर कर दिया है। हालांकि, अडानी समूह ने निवेशकों का विश्वास फिर से जीतने के लिए कई आवश्यक कदम उठाए। इसी कड़ी में ग्रुप अलग-अलग तरीकों से फंड जुटाने की योजना बना रहा है. अदानी समूह की तीन लिस्टेड कंपनियां - अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी ग्रीन एनर्जी और अदानी ट्रांसमिशन - कैलेंडर वर्ष के अंत तक क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) लॉन्च करके 33,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही हैं।
खबरों की माने तो अडानी ग्रुप की दो कंपनियां बिक गई है। टॉप ग्लोबल इक्विटी फर्म बेन कैपिटल ने अडानी समूह की कंपनी अडानी कैपिटल और अडानी हाउसिंग का खरीद लिया है। इस अधिग्रहण को लेकर दोनों कंपनियों के बीच समझौता हो गया है। इस डील के तहत बेन कैपिटल अडानी कैपिटल और अडानी हाउसिंग की 90 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर लेगी। जबकि 10 फीसदी हिस्सेदारी मैनेजमेंट, एमडी और सीईओ गौतम गुप्ता के पास रहेगा। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी कंपनी में हिस्सेदारी हासिल करने के बाद, बेन कैपिटल अडानी समूह की कंपनी में 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी। एनबीएफसी की कीमत 1600 करोड़ रुपये आंकी गई है. जानकारी के मुताबिक, अडानी कैपिटल के सीईओ गौरव गुप्ता कंपनी में निवेश जारी रखेंगे। गुप्ता के पास कंपनी की 10 फीसदी हिस्सेदारी है.