हंसा कोरंगा पुंडीर। 1980 के दौर की टॉप एक्ट्रेस की लिस्ट में शुमार रहीं श्रीदेवी ने कहा “तीन दशक के लंबे फिल्मी करियर को लेकर कभी प्लानिंग नहीं की। अपनी पसंद की फिल्में तय करना मेरे हाथ में नहीं है, यह फिल्म निर्माताओं पर निर्भर करता है कि वे मुझे चुनौतीपूर्ण किरदार के लिए चुनें। मैं अपनी पसंद के अनुसार फिल्मों का चयन नहीं करती। हां, लेकिन जब मौका मिलता है तो अवसर छोड़ना नहीं चाहती। भगवान की कृपा रही है, जो भी फिल्में आज तक की, कभी उन्हें करने की प्लानिंग नहीं की। उनका प्रस्ताव खुद मेरे पास आया। आखिरकार ये डायरेक्टर का फैसला है कि वे मेरे साथ काम करना चाहते हैं या नहीं।”
हाल ही में रिलीज फिल्म ‘मॉम’ को क्रिटिक्स ने खूब सराहा है। लंबे गैप के बाद सिल्वर स्क्रीन पर वापसी को लेकर श्रीदेवी ने कहा, ‘इंग्लिश-विंग्लिश’ के बाद इतना गैप लिया क्योंकि मैं फैंस के प्रति जिम्मेदारी महसूस करने लगी। जब दर्शक आपसे अच्छे काम की उम्मीद करते हैं, तो आप ज्यादा सलेक्टिव हो जाते हैं। कोई भी नया प्रोजेक्ट बस ऐसे ही हाथ में नहीं ले सकती। मेरे पास घर पर करने के लिए भी बहुत कुछ होता है, मुझे वह करने में मजा भी आता है। इसी तरह फिल्मों में भी मैं वहीं किरदार करना चाहती हूं जिसे करने में मजा आए।” उन्होंने कहा, “एक एक्टर को हमेशा कुछ नया सीखते रहना चाहिए, सीखने का कोई अंत नहीं है। मैंने आजतक जितनी भी फिल्में की हैं, मेरे लिए किसी सपने के कामयाब होने की तरह है।”