By अभिनय आकाश | Nov 18, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा की नजरबंदी की अनुमति देने वाले अपने आदेश को वापस लेने के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आवेदन को शुक्रवार को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने नवलखा को नवी मुंबई की तलोजा जेल से स्थानांतरित करने के बाद 24 घंटे के भीतर नजरबंद करने को कहा। न्यायमूर्ति केएम जोसफ और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने आदेश दिया है कि गौतम नवलखा को घर पर नजरबंदी के तहत जहां रखा जाएगा, वहां अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
नवलखा की हाउस अरेस्ट के आदेश को वापस लेने की मांग करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि जो अनुच्छेद 14 कहता है कि सभी समान हैं। जस्टिस के एम जोसेफ ने हाउस अरेस्ट ऑर्डर देने वाली बेंच की अध्यक्षता की थी। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू शामिल होने वाली सभी शर्तों को शामिल करना चाहते थे। यह एक सहमत आदेश था।" इसके जवाब में एएसजी राजू ने कहा कि यह सहमति वाला आदेश नहीं था।
शीर्ष अदालत ने अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने का भी आदेश दिया, जहां नवलखा को नजरबंद रखा जाएगा। नवलखा को शीर्ष अदालत के 10 नवंबर के इस आशय के फैसले के बावजूद मुंबई के पास तलोजा जेल से स्थानांतरित किया जाना बाकी है। सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोपों का सामना कर रहे नवलखा ने शुरू में कहा था कि वह मुंबई में अपनी बहन मृदुला कोठारी के साथ रहेंगे। लेकिन एनआईए ने कहा कि जिन डॉक्टरों ने अपनी दलील के समर्थन में नवलखा द्वारा प्रस्तुत मेडिकल रिपोर्ट पर हस्ताक्षर किए थे, उनमें से एक मृदुला के पति डॉ. एस कोठारी थे, जो जसलोक अस्पताल में एक वरिष्ठ चिकित्सक थे।