वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि देश में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली को एक जुलाई से लागू करने की दिशा में आगे बढ़ते हुये पिछले तीन बजट में विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं पर लगने वाले कई उपकर को समाप्त किया है। इसके अलावा कराधान कानून संशोधन अधिनियम 2017 के जरिये भी 13 और उपकर समाप्त किये गये। हालांकि, मंत्रालय के अनुसार सात उपकर अभी भी जीएसटी प्रणाली के तहत लगते रहेंगे। ये उपकर सीमा शुल्क से संबंधित हैं या फिर ऐसे सामानों पर लगते हैं जो कि जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं।
इन उपकरों में आयातित सामान पर शिक्षा उपकर, आयातित सामानों पर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा उपकर, कच्चे तेल पर उपकर, मोटर स्प्रिट और डीजल तेल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (सड़क उपकर), मोटर स्प्रिट पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और तंबाकू, तंबाकू उत्पादों और कच्चे पेट्रोलियम तेल पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (एनसीसीडी) आदि शामिल हैं। वित्त मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि उसने एक जुलाई 2017 से जीएसटी को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ते हुये विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले उपकरों को धीरे धीरे समाप्त किया है। मंत्रालय ने कहा है, ‘‘केन्द्र सरकार ने इन कदमों को विभिन्न चरणों में उठाया है ताकि विभिन्न वस्तु एवं सेवाओं को जीएसटी के लिये विभिन्न स्लैब में फिट किया जा सके।’’
सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में करयोग्य सेवाओं पर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा उपकर सहित शिक्षा उपकर को समाप्त किया। इसके बाद 2016-17 के बजट में सीमेंट, स्ट्राबेरी पर उपकर समाप्त किया गया। श्रम कल्याण उपकर कानून 1976 में भी संशोधन किया गया। लौह अयस्क खान, मैगनीज अयस्क खान और क्रोम अयस्क खान उपकर को समाप्त किया गया। इसी प्रकार 2017-18 के बजट में भी शोध एवं विकास उपकर समाप्त किया गया। इसके लिये अनुसंधान एवं विकास उपकर कानून में संशोधन किया गया।