By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 20, 2021
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जासूसी के आरोपों को लेकर तंज कसते हुए कहा कि शाह जासूसी कराने के बावजूद बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के अपमान से अपना चेहरा नहीं बचा पाए। बनर्जी नेभाजपा के वरिष्ठ नेता शाह का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वे 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अच्छी तरह से तैयार होकर वापस आएं।
अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, अमित शाह ईडी, सीबीआई, एनआईए, आईटी, ईसीआई, धनबल और पेगासस जैसे सहयोगियों के बावजूद बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में अपना चेहरा नहीं बचा सके। कृपया 2024 में बेहतर संसाधनों के साथ आएं। इससे पहले,तृणमूल कांग्रेस ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कथित रूप से जासूसीकराए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने सोमवार को कहा कि इससे पता चलता है कि भाजपा अभिषेक के एक राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरने को लेकर भय महसूस कर रही है। रॉय ने पीटीआई- से कहा, ‘यह लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है। यह बेहद शर्मनाक है कि केन्द्र सरकार राजनेताओं, पत्रकारों और अधिकार कार्यकर्ताओं के फोन टैप कर उनकी जासूसी करने के लिए स्पाइवेयर का उपयोग कर रही है। इससे टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी भी नहीं बच सके। हमारे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का फोन हैक कर लिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरा मामला केवल इस सरकार की सत्तावादी मानसिकता को दर्शाता है। केन्द्र सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। हम इसकी कड़ी निंदा करते है। ’’ गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों।
उधर, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।