By अनुराग गुप्ता | Aug 21, 2020
नयी दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच में अब राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी रणनीतियां बनाना शुरू कर दिया है। भाजपा की चुनावी तैयारियों तो पहले ही शुरू हो चुकी थी लेकिन अब बाकी की पार्टियां भी एक्टिव होती हुई नजर आ रही हैं। चाहे बात उत्तर प्रदेश की हो या फिर उत्तराखंड की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आम आदमी पार्टी उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। इसके लिए बकायदा रणनीति तैयार की जा रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मानना है कि चुनाव पब्लिक की उम्मीद से लड़ा जाता है न की बड़े संगठन से। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी (AAP) का न तो बड़ा संगठन है और न ही बड़ा नेटवर्क है। ऐसे में केजरीवाल ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां तो आप के संगठन नहीं था फिर भी पार्टी बनने के दो साल के अंदर ही आम आदमी पार्टी ने सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस और चालीस साल पुरानी भाजपा को घुटनों पर बैठा दिया।
यूपी में दिल्ली वाला मॉडल
उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तकरीबन सभी पार्टियां एक्टिव हो गई हैं। ऐसे में आप उत्तर प्रदेश में दिल्ली मॉडल पर चुनाव लड़ने की तैयारियां बना रहा है। इसके लिए आप उत्तर प्रदेश में अभियान चलाकर बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे मुद्दों पर लोगों का ध्यान खीचने का प्रयास करेगी और दिल्ली की उपलब्धियों को भी गिनाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आप के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोलने और पार्टी की उपलब्धियों को गिनाने के लिए अपना दौरा तय ही किया था कि सहारनपुर, मथुरा समेत कई जिलों में भड़काऊ बयानों के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई। उत्तर प्रदेश में अब तक अलग-अलग थानों में उनके खिलाफ नौ एफआईआर दर्ज हुई हैं।
इसी बीच लखनऊ से एक किराए के मकान से आम आदमी पार्टी का दफ्तर खाली करा लिया गया। जिसको लेकर संजय सिंह ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि यह सब प्रदेश सरकार के इशारे पर किया जा रहा है। उनके खिलाफ एफआईआर भी एक साजिश का ही हिस्सा है।
नहीं छोड़ूंगा जन सरोकार की राजनीति
9 मुकदमे दर्ज होने के बाद संजय सिंह ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा है कि 9 क्या अगर 900 मुकदमे भी दर्ज कर लें तो भी मैं जन सरोकार की राजनीति नहीं छोड़ूंगा। उन्होंने इस विषय पर राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र भी लिखा।