By डॉ. रमेश ठाकुर | Aug 22, 2022
शराब नीति में कथित घपले को लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सीबीआई के पड़े ताबड़तोड छापों ने राजधानी की सियासत को गर्मा दिया है। गर्माहट के चलते आम आदमी पार्टी और भाजपा आमने-सामने आ गई हैं। दोनों तरफ से धड़ाधड़ प्रेस वार्ताएं हो रही हैं, सफाईयां दी जा रही हैं। पाक साफ होने को लेकर दोनों के अपने-अपने-दावे हैं। हालांकि, सीबीआई ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि छापेमारी में उन्हें क्या कुछ मिला? छापेमारी के बाद ‘आप’ पार्टी का क्या होगा रुख? क्या अपनाई जाएगी रणनीति? आदि मुद्दों को लेकर डॉ. रमेश ठाकुर ने ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता व विधायक सौरभ भारद्वाज से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश-
प्रश्नः कैसे देखते हैं मनीष सिसोदिया पर सीबीआई के छापों को आप?
उत्तर- पानी की तरह साफ है। सियासत से प्रेरित, केजरीवाल को रोकने और आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को दबाने के लिए डाले जा रहे हैं ये छापे और कुछ नहीं? आप देखना रत्तीभर भी कुछ नहीं मिलेगा सीबीआई को, तिल का ताड़ बनाना है तो बनाते रहो, कोर्ट में जाकर हम जवाब देंगे। 31 नहीं 300 जगहों पर छापे पड़वा लो। मोदी जी को जितनी भी खुन्नस हमसे है कायदे से निकाल लें, हम तैयार हैं। मुझे भाजपा और उनके नेताओं की सोच पर अब तरस आने लगा है। देखना ‘आप’ पार्टी यहां से और मजबूत होकर निकलेगी।
प्रश्नः कुछ नहीं था तो पुरानी शराब नीति को फिर से क्यों लागू कर दिया?
उत्तर- देखिए, ना नए नियमों में कमी थी और ना पुरानी आबकारी नीति में? बदलाव प्रकृति का नियम है, उसी के तहत आबकारी पॉलिसी को रिफॉर्म मात्र किया गया था। देखिए, जबसे नए एलजी आए हैं उनको मोदीजी ने टॉस्क दिया है कि बिना वजह दिल्ली सरकार के कामों में कमियां निकालकर अड़ंगा अड़ाते रहें। आदेशानुसार एलजी अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। नई आबकारी नीति में जितने भी आरोप लगाए गए हैं, सभी बेबुनियाद हैं। गुजरात-हिमाचल में जाने से रोकने की तरकीब है ये।
प्रश्नः अगर खुदा ना खास्ता मनीष सिसोदिया गिरफ्तार होते हैं, तो अगला कदम क्या होगा पार्टी का?
उत्तर- पार्टी शहीदे आजम भगत सिंह के पद चिन्हों पर चलती है। उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राण भी दे दिए, तो क्या हम अच्छी शिक्षा, चिकित्सा के लिए जेल नहीं जा सकते है। जाएंगे हक है हमारा, अच्छा काम करने वाला मोदी जी की नजरों में हमेशा से गुनाहगार रहा है। हम भी हैं और हम अपना गुनाह कबूल भी करते हैं। जितने जुल्म देने हैं दो, हम सहते रहेंगे, क्योंकि प्रदेश व देशवासियों का प्यार-आशीर्वाद हमारे साथ है। अगर मनीष जेल जाएंगे भी, तो कुछ ही दिनों में बाइज्जत बरी होकर आ जाएंगे।
प्रश्नः आरोप कुछ ऐसे भी लग रहे हैं कि पुराने साथियों में सिर्फ सिसोदिया ही बचे हैं, अंदरखाने कुछ लोग उन्हें भी किनारे करना चाहते हैं?
उत्तर- भाजपाई बड़े कलाकार लोग हैं। आपस में भिड़ाना, विधायकों को तोड़ना, सरकारों को गिराना यही तो आता है इन लोगों को? महाराष्ट्र के खेल को समूचे भारत ने देखा, कैसे उद्धव ठाकरे के सबसे भरोसेमंद एकनाथ शिंदे को तोड़कर उनके खिलाफ ही खड़ा कर दिया। पार्टी में फूट डलवा दी। पर, हम सतर्क हैं, ऐसी संभावनाएं हमेशा जिंदा हैं। हमारे कई विधायकों को तोड़ने की पूर्व में नाकाम कोशिशें हुई भीं। लेकिन हम केजरीवाल के सिपाही हैं। मर जाएंगे, लेकिन लालच में आकर नहीं टूटेंगे।
प्रश्नः सीबीआई की मौजूदा कार्रवाई को आपके नेताओं ने आगामी आम चुनाव को मोदी बनाम केजरीवाल बताया है, कैसे?
उत्तर- बस इतना समझ लीजिए, मोदी अपने आखिरी पड़ाव पर हैं। उनका दौर खत्म होने का है। उनको ये बात अच्छे से पता चल गई है कि 2024 का गणित उनका गड़बड़ा गया है। लकीर बिहार में खिंच चुकी है। बाकी का काम हम दिल्ली से करेंगे। उनके मूल प्रदेश गुजरात में आम आदमी पार्टी के बढ़ते कदमों से बिलबिला गए हैं। वहां लगातार हमारा जनाधार बढ़ रहा है। मोदी सिर्फ ब्रांड नेता हैं, लक्जरी लाइफ उन्हें चाहिए, देश में चाहे कितनी भी भुखमरी, बेरोजगारी, महंगाई क्यों ना बढ़ जाए, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। देश के हालात आज श्रीलंका जैसे होते जा रहे हैं, पर उन्हें दिखाई नहीं देते।
-डॉ. रमेश ठाकुर