By अंकित सिंह | Jul 20, 2024
दिल्ली में आप बनाम भाजपा की राजनीति जबरदस्त तरीके से जारी है। आप की नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार केंद्र पर पैसे नहीं देने का आरोप लगा रही है। इसी बीच आप के आरोपो पर भाजपा की ओर से पलटवार किया गया है। भाजपा की बांसुरी स्वराज ने दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार को 742.69 करोड़ रुपये दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के एक अध्ययन से पता चला है कि सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार में उनके मंत्रियों ने 70 फीसदी तक पैसे का इस्तेमाल नहीं किया है।
अपना हमला जारी रखते हुए भाजपा नेत्री ने कहा कि आप सरकार की लापरवाही, निष्क्रियता के कारण दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बन गई है। उन्होंने दावा किया कि अब वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली में फिर से प्रदूषण की समस्या आएगी और आने वाली सर्दियों में दिल्ली गैस चैंबर बन जाएगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि केजरीवाल सरकार हमेशा प्रचार, प्रसार और भ्रष्टाचार करती है लेकिन समय से पहले आने वाली आपदा के लिए तैयारी नहीं करती क्योंकि वह केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली पार्टी बनकर रह गई है।
इससे पहले एक प्रेस वार्ता में दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केंद्र से 10,000 करोड़ रुपये की मांग की और दावा किया कि 2 लाख करोड़ रुपये के आयकर योगदान के बावजूद शहर सरकार को पिछले साल के दौरान कुछ भी नहीं मिला। आतिशी ने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार मुंबई, भोपाल, पटना और कोलकाता समेत अन्य बड़े शहरों की साफ़-सफ़ाई के लिए पैसा दे सकते हैं तो आप दिल्ली नगर निगम को पैसा क्यों नहीं देते हैं? हम आपसे कोई भीख नहीं बल्कि दिल्ली के लोगों के द्वारा दिये गये करोड़ों रुपए में से ही हिस्सा मांग रहे हैं। हम MCD के लिए केवल 10 हज़ार करोड़ रुपए ही मांग रहे हैं और यह दिल्ली के लोगों द्वारा दिए गए Income tax का मात्र 5% ही है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग केंद्र और दिल्ली की सरकारों को Tax देते हैं। दिल्ली के लोग राज्य सरकार को 40 हज़ार करोड़ Tax देते हैं। इस 40 हज़ार करोड़ Tax की रक़म से हम दिल्ली के लोगों को फ़्री बिजली, इलाज, सड़कें, अस्पताल, फ्लाईओवर और Electric बसों समेत तमाम सुविधाएं देते हैं। वहीं केंद्र को दिल्ली वाले 2 लाख 32 हज़ार करोड़ रुपए देते हैं लेकिन केंद्र सरकार दिल्ली के विकास पर एक रुपया भी खर्च नहीं करती है।