By अभिनय आकाश | Jul 25, 2022
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की ऐतिहासिक बगावत के बाद पार्टी दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अब कमर कस ली है और आदित्य ठाकरे भी सक्रिय हो गए हैं। शिवसेना और शिंदे गुटों के बीच तकरार भी दिन-ब-दिन तेज होती दिख रही है। इसमें शिंदे-फडणवीस सरकार आने के बाद महाविकास अघाड़ी ठाकरे सरकार के कई फैसलों को निलंबित कर दिया गया है। इसमें प्रशासन को आरे कारशेड समेत करोड़ों का फंड रोकने का निर्देश दिया गया है।
इसके बाद अब कहा जा रहा है कि महाविकास अघाड़ी की ठाकरे सरकार में पूर्व पर्यावरण और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के कुछ फैसले केंद्र की मोदी सरकार के निशाने पर आ गए हैं। इतना ही नहीं, यह भी कहा जा रहा है कि इन फैसलों का ऑडिट किया जाएगा। पर्यावरण मंत्री के तौर पर आदित्य ठाकरे के काम की अक्सर तारीफ होती थी। मोदी सरकार पिछले ढाई साल के दौरान पर्यावरण मंत्री के रूप में आदित्य ठाकरे द्वारा लिए गए फैसलों और कार्यों का ऑडिट करेगी। केंद्र सरकार विशेष रूप से महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मामलों का ऑडिट करने जा रही है।
ऐसे में अब महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों में चिंता का माहौल है। कर्मचारियों और अधिकारियों ने यह उम्मीद जताई है कि बोर्ड के प्रबंधन को लेकर कुछ नए सुझाव और उपाय हों तो अच्छा होगा, लेकिन बोर्ड बदनामी का मालिक न बने। कहा जाता है कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र प्रदूषण बोर्ड के मामलों का ऑडिट भी शुरू कर दिया है। पहले चरण में मुख्यालय के साथ नागपुर कार्यालय भी शामिल है। उसके बाद खाता प्रमुख को चरणबद्ध तरीके से अन्य विभागीय कार्यालयों का ऑडिट करने के निर्देश दिए गए हैं।