By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 11, 2020
नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि एक लाख से अधिक ‘आइसोलेशन बिस्तरों’ और 11,500 ‘आईसीयू बिस्तरों’ के साथ देश भर में कुल 586 अस्पतालों को कोविड-19 के इलाज के लिये विशेष हॉस्पिटल के रूप में चिह्नित किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण वाले क्षेत्र (हॉटस्पॉट) की पहचान के लिये पहले से ही एहतियाती कदम उठा रखे हैं। लॉकडाउन और संक्रमण वाले इलाके को सील करने जैसे अन्य उपायों के अभाव में 15 अप्रैल तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 8.2 लाख से अधिक मामले होते। वहीं, एक प्रश्न के उत्तर में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आईसीएमआर द्वारा आर्डर किये गये पांच लाख ‘एंटीबॉडी टेस्टिंग किट’ अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं।’’
उन्होंने कहा कि सामाजिक मेलजोल से दूरी, लॉकडाउन और इलाकों को सील करने जैसी अन्य कोशिशें कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार की प्रतिक्रिया समय पूर्व, सक्रिय और पूरी तरह से तैयार रहने वाली रही है तथा हमने अपने क्रमिक रुख से उत्पन्न हो रही स्थिति के अनुरूप अपनी प्रतिक्रिया की। आयुष मंत्रालय ने श्वसन से जुड़े स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर दिशानिर्देश तैयार किये हैं। जिलों को इसे जिला स्तर पर आकस्मिक योजना में शामिल करने को कहा गया है।’’ अग्रवाल ने यह भी कहा कि देश में मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कोई कमी नहीं है। इस दवा को कई विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिये एक जरूरी औषधि बताया है। आईसीएमआर के अधिकारी ने कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिये अब तक 1.7 लाख नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 16,564 नमूनों की शुक्रवार को जांच की गई।