तमिलनाडु में अजब संयोग, स्टालिन को रिपोर्ट करेंगे गांधी और नेहरू

By अंकित सिंह | May 07, 2021

एक केंद्र शासित प्रदेश सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए है। असम, पश्चिम बंगाल और केरल में जहां सत्ता बरकरार रही तो वही पुडुचेरी और तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन हुए। तमिलनाडु में डीएमके ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 133 सीटें हासिल की। उसके नेता एमके स्टालिन ने मुख्यमंत्री पद की भी शपथ ले ली है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अगुवाई में 34 सदस्यों वाले नए कैबिनेट का भी ऐलान हुआ है। कैबिनेट में सबसे ज्यादा दिलचस्प यह है कि इसमें स्टालिन के साथ गांधी और नेहरू भी होंगे। इसे संयोग कहें या फिर प्रयोग कहिए। लेकिन यह बात तो है ही कि तमिलनाडु के साथ-साथ उनके कैबिनेट में गांधी और नेहरू भी होंगे। गांधी और नेहरू दोनों स्टालिन को रिपोर्ट करेंगे। शुक्रवार को तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने स्टालिन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही मंत्रियों की सूची पर भी मुहर लगा दी। एमके स्टालिन पहली बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने हैं।

 

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कैबिनेट में शामिल केएन नेहरू को स्टालिन ने नगर पालिका परिषद प्रशासन का पद सौंपा है, वही आर गांधी को हथकरघा, खादी ग्राम उद्योग आदि का मंत्री बनाया गया है। कुल मिलाकर कहें तो तमिलनाडु में नगर विकास मंत्रालय नेहरू के पास होगा तो वही खादी और ग्रामीण रोजगार विभाग गांधी चलाएंगे। यह बड़ा ही दिलचस्प लग रहा है। केएन नेहरू डीएमके के पुराने और कद्दावर नेता हैं। 1989 में पहली बार चुनाव जीतने के बाद वह लगातार राजनीति में सक्रिय हैं। उनके पिता ने जवाहरलाल नेहरू से प्रभावित होकर उनका नामकरण किया था। बात गांधी की करें तो वह रानीपेट सीट से विधायक चुने जाते रहे हैं। पहली बार 1996 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।



विधानसभा चुनाव में द्रमुक को मिली प्रचंड जीत के बाद पार्टी अध्यक्ष मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन ने शुक्रवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने 68 वर्षीय स्टालिन को राजभवन में आयोजित सादे समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। स्टालिन पहली बार मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। स्टालिन के बाद कुल 33 मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई गई जिनमें से 15 पहली बार मंत्री पद संभालेंगे। स्टालिन समेत सभी 34 ने अपनी अंतरात्मा और द्रमुक की दशकों पुरानी परंपरा के अनुरूप तमिल में शपथ ली। शपथग्रहण से पहले, सफेद कमीज और धोती पहने स्टालिन ने पुरोहित को अपने मंत्रिमंडल का परिचय दिया। द्रमुक के दिग्गज नेता एवं महासचिव दुराईमुरुगन को स्टालिन के बाद शपथ दिलाई गई और उन्हें सिंचाई परियोजनाओं में जल संसाधन मंत्री का प्रभार दिया गया तथा उनके पास खान एवं खनिज विभाग रहेगा। इससे पूर्व 2006-11 में द्रमुक के शासन में उनके पास लोक निर्माण कार्य जैसे विभागों का प्रभार था। गृह एवं अन्य विभागों जैसे लोक निर्माण, सामान्य प्रशासन, अखिल भारतीय सेवा, जिला राजस्व अधिकारी, विशेष कार्यक्रम क्रियान्वयन एवं दिव्यांग व्यक्ति कल्याण विभागों का प्रभार मुख्यमंत्री स्टालिन का पास होगा। पूर्व निवेश बैंकर, पलानीवेल त्यागराजन, वित्त एवं मानव संसाधन मंत्री होंगे। केकेएसएसआर रामचंद्रन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री होंगे। यहां के प्रख्यात पार्टी नेता और चेन्नई के पूर्व महापौर मा सुब्रमण्यन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री होंगे। 

 

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के पोनमुदी उच्च शिक्षा मंत्री, थंगम तनारासू उद्योग मंत्री और पी के सेकाराबू हिंदू धर्म एवं धर्मार्थ बंदोबस्त विभाग का मंत्री बनाया गया है। वी सेंथिल बालाजी को बिजली विभाग का प्रभार दिया गया है। वह जे जयललिता की अगुवाई वाली अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान 2011 से 2015 के बीच परिवहन मंत्री रहे थे और 2018 में द्रमुक में शामिल हो गए थे कृषि एवं पर्यावरण समेत कई विभागों का नाम बदल दिया गया है जैसे कृषि विभाग अब कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग है और पर्यावरण विभाग का नाम पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग है। एमआरके पनीरसेल्वम कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री होंगे। ई वी वेलु लोक निर्माण मंत्री होंगे। गैर निवासी तमिल कल्याण एक नया विभाग है जिसका प्रभार जिंगी के एस मस्तान के पास होगा। उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री भी बनाया गया है। स्टालिन की पत्नी दुर्गा और त्रिपलीकेन-चेपॉक सीट से चुनाव जीते उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन समेत परिवार के अन्य सदस्यों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। द्रमुक अध्यक्ष के बड़े भाई एम के अलागिरि के बेटे दयानिधि एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन उपस्थित थे। मंत्रिमंडल में दो महिला मंत्री भी हैं - पूर्व मंत्री पी गीता जीवन जिन्हें समाज कल्याण एवं महिला सशक्तीकरण और एन कयालविजि सेल्वाराज जिन्हें आदि द्रविड़ार कल्याण मंत्री बनाया गया है। 

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