By अंकित सिंह | Aug 23, 2022
भारत में किसी बड़े आत्मघाती हमले की साजिश रचने वाले इस्लामिक स्टेट के एक आतंकवादी को रूस ने पकड़ लिया। उसके बाद उस आतंकवादी ने जो खुलासे किए हैं, इससे जाहिर होता है कि भारत के खिलाफ कितनी बड़ी साजिश रची जा रही थी। भारत को दहलाने का पूरा गेम प्लान था। लेकिन अपने नापाक साजिश को अंजाम देने से पहले ही आतंकवादी भारत के दोस्त रूस के शिकंजे में फंस गया। आतंकवादी ने आपने खुलासे में साफ तौर पर कहा है कि वह भारत में किसी बड़े आतंकवादी हमले की तैयारी में था। उसने भारत को दहलाने के लिए तुर्की में ट्रेनिंग भी ली थी। वह मानव बम बन गया था और आत्मघाती हमले की फिराक में भारत पहुंचने वाला था। इससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि यह आतंकी साजिश बेहद खतरनाक थी और इसे रचा था आईएस के आतंकियों ने।
रूस की खुफिया एजेंसी ने फिलहाल आतंकवादी की पहचान उजागर नहीं की। उसने स्वीकार किया है कि वह पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए भारत के सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य के खिलाफ आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था। सीपीआर की ओर से उससे पूछताछ का वीडियो सोमवार को जारी किया गया है जिसमें आतंकवादी का चेहरा धुंधुला किया गया है और वह टूटी-फूटी रूसी बोल रहा था। वीडियो में वह कह रहा है कि उसने अप्रैल 2022 में आईएसआईएस के ‘अमीर’ के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी और एक विशेष प्रशिक्षण लिया था जिसके बाद वह रूस आया और यहां से भारत जाता। उसने कहा, “पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए आईएसआईएस के इशारे पर आतंकवादी हमला करने के लिए मुझे वहां चीजें दी जानी थीं।” रूस की शीर्ष खुफिया एजेंसी ने बताया कि यह व्यक्ति एक मध्य एशियाई देश का रहने वाला है और उसने आत्मघाती हमला करने के लिए प्रशिक्षण लिया था।
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा और पार्टी के दिल्ली ईकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के तत्कालीन प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने पैगंबर को लेकर विवादित टिप्पणियां की थी जिसके बाद मुस्लिम देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी और पार्टी ने नुपुर को निलंबित और कुमार को निष्कासित कर दिया था। खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस और इससे संबंधित सभी संगठनों को भारत में प्रतिबंधित किया गया है। वे इराक और सीरिया में कई हमले करने के लिए जिम्मेदार हैं। गृह मंत्रालय ने आतंकवादी समूह पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा है कि भारत के युवाओं की संगठन में भर्ती और उन्हें कट्टर बनाया जाना देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है, खासकर जब ऐसे युवा भारत लौटते हैं तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभाव पड़ सकते हैं।