By रितिका कमठान | Jan 02, 2024
अयोध्या में लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार 22 जनवरी को राम मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस भव्य राम मंदिर के बाद अब मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्म भूमि परिसर में भी भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसकी घोषणा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने की है।
मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि के सर्वेक्षण का आदेश मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सर्वेक्षण के आदेश मिल चुके है। उन्होंने विश्वास जताया कि सर्वेक्षण के आदेश मिलने के बाद अंतिम निर्णय भी हिंदुओं के पक्ष में ही आएगा। वर्ष 2024 का चुनाव भी हिंदुओं के नाम पर होगा। बीजेपी को लोकसभा चुनावों में भगवान राम और श्रीकृष्ण 400 सीटें दिला रहे है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने कृष्ण जन्मभूमि का दौरा किया था। वहीं भाजपा सरकार लगातार धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के उद्देश्य से मथुरा और वृंदावन के विकास के लिए करोड़ों रुपये की राशि खर्च कर रही है। बता दें कि राम जन्मभूमि आंदोलन में विशेष रूप से सक्रिय रहीं धार्मिक नेता साध्वी ऋतंभरा के 60वें जन्मदिन पर मिलने केशव प्रसाद मौर्य मथुरा-वृंदावन पहुंचे थे।
समाजवादी पार्टी पर लगाया आरोप
केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी मथुरा में श्री कृष्ण मंदिर नहीं बनाना चाहती है। केशव प्रसाद मौर्य ने इस दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती दे डाली है। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी लिखा कि अल्पसंख्यक वोटों की खातिर हिंदुओं का खून बहाने वाली सपा भगवान कृष्ण के वंशजों का वोट तो चाहती है, लेकिन श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर मंदिर नहीं चाहती।'' उन्होंने आगे कहा, ''अगर अखिलेश यादव इस मामले पर आजम खान और उनके समुदाय के दबाव में नहीं हैं, तो कृपया अपना रुख स्पष्ट करें।''
बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव से श्रीकृष्ण मंदिर के निर्माण पर अपना रुख साफ करने को कहा है। इससे पहले 2021 में भी उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव से पूछा था कि क्या वह मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर बनवाना चाहते हैं या नहीं। बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद का मामला विभिन्न अदालतों में लंबित है।
मथुरा की एक स्थानीय अदालत में महेंद्र प्रताप सिंह और राजेंद्र माहेश्वरी द्वारा दायर मामले में यह दावा किया गया है कि मुगल शासक औरंगजेब ने अपने शासनकाल के दौरान प्राचीन केशवदेव मंदिर को ध्वस्त कर दिया था और उसके स्थान पर ईदगाह का निर्माण किया था और "ठाकुरजी" की मूर्तियाँ स्थापित की थीं। मंदिर में आगरा की बेगम मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे हुए थे।