By दिनेश शुक्ल | Oct 28, 2020
भोपाल। कांग्रेस पार्टी द्वारा लाया गया आरोप-पत्र पूरी तरह से तथ्यहीन एवं बोगस है। आरोप-पत्र लाकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी कुंठित मानसिकता का परिचय दिया है। कांग्रेस के जो नेता आरोप-पत्र लेकर आए हैं, वे कमलनाथ सरकार के समय अपना राजनीतिक निर्वासन काट रहे थे। आरोप पत्र जारी करने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव एवं सज्जन सिंह वर्मा अब विपक्ष में कोई भूमिका हथियाना चाहते हैं। इससे स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस में जो राजनीति चल रही है, वह वास्तव में लंबे समय विपक्ष में रहने की तैयारी है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कांग्रेस पार्टी द्वारा लाए गए आरोप पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुंए कही।
अच्छा होता, अपनों के लगाए आरोपों का जवाब देते
प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि आरोप पत्र जारी करने से अच्छा होता कि कांग्रेस पार्टी पूर्व मंत्री उमंग सिंघार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूरी कमलनाथ सरकार को कटघरे में खड़े करने वाले आरोपों का जबाव देती। डॉ गोविंद सिंह द्वारा अवैध खनन का पैसा उपर तक जाने के आरोपों का खुलासा करती। सरकार में रहते हुए जिन विधायकों ने अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार और अराजकता के आरोप लगाए उनका जबाव देती। जिन विधायकों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी और गंभीर आरोप तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस सरकार पर लगाए, उनका जबाव देती।
जनता के मन में तैयार है एक आरोप पत्र
अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के विरुद्ध एक आरोप पत्र प्रदेश की जनता के मन और मस्तिष्क में है। जिसको लेकर जनता 28 विधानसभाओं के उपचुनाव में अपना फैसला सुनाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कमलनाथ सरकार के 15 महीनों का जबाव देना था, जो भ्रष्टाचार और तबादला उद्योग इन्होंने 15 महीनों में चलाया उसका जबाव देना था, लेकिन इनका जबाव देने की बजाय ये भाजपा सरकार के लिए आरोप पत्र लेकर आ गए।