By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 26, 2021
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधान मंडल दल के नेता और आजमगढ़ की मुबारकपुर विधानसभा सीट से विधायक शाह आलम उर्फ गुडडू जमाली ने अपने पद और सदन से इस्तीफा दे दिया है। दूसरी ओर बसपा ने एक बयान जारी करके कहा कि विधायक की कंपनी में काम करने वाली एक लड़की ने उनके चरित्र पर गंभीर आरोप लगाये थे और वह पार्टी प्रमुख मायावती पर मामले को रफा दफा करने के दबाव बना रहे थे। अगले साल के विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले आलम का यह इस्तीफा बसपा के लिये एक बड़ा झटका माना जा रहा हैं। आलम ने इस संबंध में पार्टी प्रमुख मायावती को एक पत्र भी लिखा है। आलम ने को बताया, ‘‘मैंने बसपा विधानमंडल दल और विधायकी से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि हमारी पार्टी की नेता मायावती और मेरे बीच विश्वास की कमी हो गयी थी। जब हमारी नेता को ही हम पर विश्वास नहीं रहा तो फिर हम पार्टी में रह कर क्या करेंगे।’’ उनसे जब पूछा गया कि अब वह किस पार्टी में जा रहे हैं तो आलम ने कहा कि मैं मानसिक रूप से बहुत परेशान हूं और मेरा अभी किसी पार्टी में जाने का कोई इरादा नहीं है। मैं अभी कुछ दिन आराम करूंगा।
मायावती को लिखे पत्र में शाह आलम ने कहा है, ‘‘आपने मेरे ऊपर विश्वास जताते हुये 2012 और 2017 में दो बार विधायक का टिकट मुबारकपुर से दिया और मैं चुनाव भी जीता। सन 2012 से लेकर अब तक मैं पार्टी का वफादार भी रहा और आपके द्वारा दी गयी हर जिम्मेदारी मैंने निभायी। लेकिन 21 नवंबर को हुई आपके साथ बैठक के बाद मैंने महसूस किया कि आप पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा और इमानदारी के बावजूद संतुष्ट नहीं है तो ऐसी सूरत में मैं पार्टी के विधानमंडल दल के नेता और विधायकी दोनो से त्यागपत्र देता हूं।’’ उन्होंने मायावती से इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया है। आलम के इस्तीफे के बाद बसपा ने उन पर पलटवार करते हुए कहा, पार्टी को इस्तीफे के बारे में मीडिया से जानकारी मिली है। इसका कारण यह है कि उनकी कंपनी में काम करने वाली एक लड़की ने उनके चरित्र के बारे में गंभीर आरोप लगाते हुये इनके विरूध्द पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी जिसकी विवेचना भी चल रही हैं। ऐसा उन्होंने पार्टी प्रमुख (मायावती) को खुद बताया था।
बयान में मायावती के हवाले से कहा गया, इस घटना के बाद वह (विधायक) मुझ पर (मायावती) उप्र के मुख्यमंत्री जी से कह कर इस मामले को रफा दफा करने के लिये काफी दबाव बना रहे थे और इसके लिये अभी हाल ही में मुझसे फिर मिले थे। इस पर मैने इनको यहीं कहा कि यह लड़की का प्रकरण है, बेहतर तो यही होगा कि यदि विवेचना में आपको न्याय नहीं मिलता हैं आप फिर अदालत जाये लेकिन ऐसा न करके मुझ पर ही इस केस को खत्म कराने का दबाव बना रहे थे। बसपा द्वारा जारी बयान में कहा गया, साथ ही इन्होंने (विधायक शाह आलम) ने यह भी कहा था कि यदि इस मामले में आपने मेरी कोई मदद नही की तो मैं पार्टी एवं पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दूंगा। ऐसा लगता हैं कि इसी परिपेक्ष्य में इन्होंने आज यह सब कुछ किया हैं। इससे पहले इसी वर्ष बसपा विधानमंडल के नेता लाल जी वर्मा को मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में बसपा से निकाल दिया था।