नयी दिल्ली। संसद के बजट सत्र के पहले चरण में नौ कार्यदिवस पर राज्यसभा में 96 प्रतिशत कामकाज हुआ। राज्यसभा सचिवालय की ओर से बुधवार को प्राप्त जानकारी के अनुसार 31 जनवरी को शुरु हुये बजट सत्र के पहले चरण में 41 घंटे के निर्धारित समय में 96 प्रतिशत कामकाज पूरा हो गया। इस सत्र का पहला चरण 11 फरवरी को समाप्त हुआ। इस सत्र में कुल 38 घंटे 30 मिनट काम हुआ। इस दौरान सदन की कार्यवाही में व्यवधान के कारण पांच घंटे 32 मिनट कामकाज नहीं हो सका, जबकि सदन में लगभग चार घंटे तक अतिरिक्त कामकाज हुआ।
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बजट सत्र के इस चरण में पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ और इसके अगले दिन बजट दस्तावेज सदन पटल पर पेश किये गये। इस बीच राष्ट्रपति अभिभाषण पर उच्च सदन में पेश धन्यवाद प्रस्ताव के अलावा लोकसभा में पेश किये गये बजट पर चर्चा की गयी। बजट सत्र में सत्तापक्ष की ओर से वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किये जाने से पहले 31 जनवरी को आर्थिक समीक्षा भी सदन पटल पर पेश की गयी।
सदन की कार्यवाही के बारे में सचिवालय द्वारा जारी विवरण के अनुसार पहले चरण में उच्च सदन के 155 (69 प्रतिशत) सदस्यों ने शून्य काल सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा के दौरान अपने विचार सदन में रखे। उच्च सदन में चार कार्यदिवस पर हुये शून्य काल में 75 मुद्दे उठाये गये जबकि छह कार्यदिवस में विशेष उल्लेख के 38 मामलों का उल्लेख किया गया। इस बीच प्रश्नकाल के दौरान पांच कार्यदिवस में 34 तारांकित प्रश्नों का संबद्ध मंत्रियों ने सदन में जवाब दिया। राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुयी चर्चा में 45 सदस्यों ने और बजट पर चर्चा में 55 सदस्यों ने अपने विचार रखे।
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बजट सत्र का दूसरा चरण दो मार्च से शुरु होगा। इस चरण में दिवालिया कानून में संशोधन विधेयक, खनिज तत्वों से जुड़े संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय होम्योपेथी आयोग विधेयक और वायुयान संशोधन विधेयक सहित अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को चर्चा एवं पारित कराये जाने के लिये पेश किया जा सकता है।
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