By अभिनय आकाश | Jan 10, 2025
शनिवार का दिन था घड़ी में सुबह के नौ बजकर 15 मिनट हुए थे और अपना लंच बॉक्स व बैग लिए दफ्तर के लिए सुरेश जैसे ही निकलने वाला था, पत्नी कह उठती है कल रविवार है याद से स्त्री सही करवा देना और अंदर वाले कमरे की लाइट भी रुक रुक कर जल रही है शायद इल्केट्रिशियन को बुलाना पड़ेगा। अभी सुरेश के कदम घर से बाहर ही पड़ने को थे कि तभी भागती हुई 5 पांच साल की बेटी आती है और बोलती है कि पापा-पापा टीचर ने मंडे को प्रोजेक्ट के लिए ग्रीन कलर की चार्टपेपर लाने को कहा है और वो यहां आस पास मिल ही नहीं रही। पापा चेहरे पर मुस्कान लिए कहते हैं ठीक है कल संडे है ना तुम्हे साथ लेकर चलूंगा वर्मा जी की बड़ी सी स्टेशनी शॉप छोड़ी दूर जरूर है लेकिन वहां सब मिल जाता है। पूरे सप्ताह भर काम करने के बाद आखिरकार कोई ऐसा दिन जब इंसान सोने जाए तो न अगले दिन अहले सुबह उठकर काम पर जाने की फिक्र हो और इस दिन को वो अपने हिसाब से भी जिए। सुरेश अभी आम इंसान हमारे आपके जीवन से जुड़ी इसी प्रकार की छोटे बड़े कामों को रविवार के दिन निपटाने के उधेड़बुन में मेट्रो में बैठा ही था कि फोन पर साथी कर्मचारी रमेश का फोन आता है। रमेश कहता है अरे यार, तुमने वो नया वाला बयान सुना। सुरेश बोलता है नहीं तो! रमेश कहता है एक उद्योगपति हैं एसएन सुब्रह्मण्यन उन्होंने सप्ताह में 90 घंटे काम करने का सुझाव दिया है। मतलब संडे को भी काम। सुरेश ने इतना सुना कि बस उसकी आंखों के सामने बेटी की ग्रीन कलर की चार्ट पेपर और घर में 3 दिन से खराब पड़ी स्त्री का दृश्य घूमने लगता है। बहरहाल, इतनी लंबी कहानी सुनाने के पीछे का मकसद आपको ऐसी स्थिति में पहुंचाना था जिससे आप इससे सही ढंग से कनेक्ट कर सके। अगर कोई आपको हफ्ते में 90 घंटे काम करने के लिए बोले तो इस पर आपका क्या रिएक्शन होगा। कुछ हफ्ते पहले इंफोसिस के को फाउंडर नायायण मूर्ति ने युवाओं को 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। इस सलाह ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी। इसके बाद इस सलाह में आग में घी डालने का काम एल एंड टी के चेयरमैन ने किया है। उन्होंने एक सुधाव दिया है कि युवाओं को एक हफ्ते में 90 घंटे काम करना चाहिए।
एल एंड टी के चेयरमैन ने ऐसा क्या कहा?
दरअसल, हुआ ये कि एल एंड टी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल है। रेडिफ पर ये वीडियो पोस्ट किया गया था। इस वीडियो में कि एल एंड टी के चेयरमैन अपने कर्मचारियों से बात करते हुए नजर आ रहे हैं। इस बातचीत के दौरान उनसे ये सवाल पूछा जाता है कि एल एंड टी इतनी बड़ी कंपनी होने के बावजूद अपने कर्मचारियों को शनिवार को भी काम पर क्यों बुलाती है। इसके जवाब में उनका कहना है कि मुझे तो खेद है कि मैं आपसे सिर्फ शनिवार को काम करा पाता हूं। मुझे ज्यादा खुशी होती कि मैं आपसे रविवार के दिन भी काम करा पाता। इतना ही नहीं इसके बाद वो इसे अगले लेवल तक ले जाते हैं। उन्होंने ये कहा कि विकेंड पर आप अपने घर पर बैठ कर करेंगे क्या? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं। या आपकी पत्नी आपको कितनी देर तक निहार सकती है। इसके बाद उन्होंने इसकी वकालत की कि वीकेंड को घर पर बीताने का जो पूरा विचार है उसे उन्होंने खारिज कर दिया।
चीन का दिया उदाहरण
सुब्रह्मण्यन ने एक कहानी सुनाते हुए कहा कि एक चीनी से मैंने बातचीत की और इस बातचीत के दौरान मैंने पूछा कि आप कैसे अमेरिका को ग्लोबल प्रतिस्पर्धा में पीछे छोड़ेंगे। इसके पीछे की क्या रणनीति है। तो जवाब में चीनी ने कहा कि अमेरिकी 50 घंटे काम करते हैं लेकिन हम 90 घंटे काम करते हैं। इसलिए हम वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अमेरिका से आगे जा सकते हैं। अब इस वीडियो ने पूरे भारत में एक नई बहस छेड़ दी है। जो पूरे वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर बहस पहले से चल रही थी। उस आग में इस वायरल वीडियो ने घी डालने का काम कर दिया। एल एंड टी काफी बड़ी कंपनी है और देश में इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करती है।
खुद लेते हैं कर्मचारियों के वेतन से 543 गुणा वेतन
गोस्वामी तुलसीदास दूसरों को उपदेश देना तो बहुत आसान है लेकिन स्वयं उन उपदेशों पर अमल करना कठिन। अपने कर्मचारियों को 90 घंटे काम करने की सलाह देने वाले एसएन सुब्रह्मण्यन खुद मोटा वेतन वसूलते हैं। बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में उनका वेतन कुल 51 करोड़ रुपए था। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि उनके वेतन में पिछले वर्ष की अपेक्षा 43.11 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वहीं कर्मचारियों को मिलने वाला औसत पैकेज वित्त वर्ष 2023-24 में 9.55 लाख रुपये था और इस हिसाब से देखें तो एलएंडटी कर्मचारियों के औसत वेतन से एसएन सुब्रह्मण्यन का वेतन 534.57 गुना ज्यादा था।
रविवार के दिन छुट्टी क्यों
अंग्रेजों के शासनकाल में भारत में बड़ा मजदूर वर्ग सातों दिन काम करते थे। इस मजदूरों की हालत बिगड़ती जा रही थी। इतना ही नहीं, इन्हें खाना-खाने के लिए लंच का समय भी नहीं दिया जाता था। इसके बाद करीब 1857ई. में मजदूरों के नेता मेघाजी लोखंडे ने मजदूरों के हक़ में आवाज उठाई थी। उन्होंने ये तर्क दिया था कि सप्ताह में एक दिन ऐसा होना चाहिए जब मजदूर आराम करने के साथ-साथ खुद को वक्त दे सके।
अक्ल बड़ी या भैंस
भारत के युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की नारायण मूर्ति की सलाह के बीच अंतर हो सकता था ताकि देश विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके और एल एंड टी के मालिक सुब्रमण्यन का यह कहना कि उनकी इच्छा है कि वह अपने कर्मचारियों से सप्ताह में 90 घंटे काम ले सकें। एक सीईओ काम के घंटों को अनिवार्य कर सकता है और यह कर्मचारियों पर निर्भर है कि वे काम का पालन करते हैं या नौकरी छोड़ देते हैं। यह असाधारण है कि सीईओ जैसे लोग इस तथ्य को नज़रअंदाज़ करते हैं कि आपके काम करने के घंटे नहीं बल्कि आपके काम की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है। ये तो अक्ल बड़ी या भैंस वाले मुहावरे में भैंस को अक्ल से बरा बताने सरीखा होगा।
स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क के अंतर को समझना जरूरी
भारत में पहले से ही सभी दफ्तरों में 40 से 50 घंटे वाला वर्क कल्चर है। अमेरिकन भी 50 घंटे काम कर रहे हैं। यूरोपीयन देशों के लोग हमसे भी कम काम कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि आप बहुत ज्यादा घंटे काम करके ही अपनी प्रोडक्टिविटी दिखा सकते हैं। आप कम समय में भी बेहतर चीजें कर सकते हैं और उसके बाद अपनी लाइफ को बेहतर तरीके से इंजाय कर सकते हैं। आपके पास फैमिली भी है। आपको कुछ पढ़ना भी है। आपको सोना और आराम भी करना है। भारत हमारा इतना शानदार देश है तो इसे एक्पोलर करना भी है। फिजिकल और मेंटल हेल्थ तो एक मुद्दा है ही साथ में हमारी प्रोडक्टिविटी भी कम होगी। हम जब मेंटली फ्रेश नहीं होंगे तो इनोवेशन और आइडियाज तो भूल ही जाइए। साथ ही हमारा सोशल सर्कल भी कम हो जाएगा। इससे ओवर ऑल प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ेगा।
दुनिया कर रही 3 दिन वीक ऑफ की पॉलिसी वाला प्रयोग
जिन देशों में 4 दिन काम और 3 दिन वीक ऑफ की पॉलिसी है, उन देशों के ग्रुप को फोर डे वर्क कल्ब कहा जाता है। इस फेहरिस्त में 7 देश शामिल हैं- न्यूजीलैंड, जापान, स्कॉटलैंड, स्पेन, बेल्जियम, आयरलैंड और आइसलैंड हैं। पोर्ट्स के अनुसार अगर भारत में ये व्यवस्था लागू होती है तो यहां एक हफ्ते में काम के लिए 48 घंटे पूरे करने होंगे। यानी हर दिन 12 घंटे। यदि चार दिन का नियम लागू होता है, तो कर्मचारी एक दिन में 12 घंटे के हिसाब से काम करके तीन दिन छुट्टी ले सकेंगे।
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