सत्ता की 'महाभारत' का सातवां द्वार भेदने की तैयारी में महारथी

By अजय कुमार | Mar 05, 2022

उत्तर प्रदेश में सातवें और अंतिम चरण में पूर्वांचल के 09 जिलों की 54 सीटों पर 07 मार्च को मतदान होगा और 10 मार्च को नतीजे आएंगे। सातवें ही चरण में मोदी के सियासी गढ़ वाराणसी और अखिलेश यादव से संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में भी चुनाव होना है, 2014 के लोकसभा चुनाव में जब से मोदी ने यूपी को अपनी कर्म भूमि बनाई है तब से बीजेपी को यहां (यूपी में) अभी तक हार का सामना नहीं करना पड़ा है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव की बात हो या फिर 2017 में हुए विधान सभा चुनाव की मोदी पार्टी के लिए जीत की गारंटी बने हुए हैं, 2022 में भी यदि बीजेपी सत्ता हासिल कर लेती है तो यूपी में मोदी की जीत का चौका लग जाएगा। बीजेपी के तमाम दिग्गज नेताओं के साथ-साथ मोदी और उनकी पूरी टीम ने यहां डेरा डाल रखा है। सातवें चरण के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है। सातवें चरण में ही अखिलेश के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में भी वोटिंग होना है। अखिलेश के लिए सातवां चरण कितना अहम है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रमुख और संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी 2022 के चुनाव के लिए दूसरी बार मीटिंग करने जा रहे हैं, इससे पहले तीसरे चरण में मुलायम मैनपुरी के करहल विधान सभा क्षेत्र में प्रचार करते नजर आए थे। जहां से अखिलेश स्वयं चुनाव लड़ रहे हैं। सातवां चरण कितना अहम है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी यहां प्रचार करने आई और अखिलेश के समर्थन में मोदी को खूब खरी-खोटी सुनाई। वाराणसी पहुंच कर ममता 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी एजेंडा तय करना चाह रही थीं, ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गैर कांग्रेसी-गैर भाजपा के तीसरा मोर्चा खड़ा करना चाहती हैं और स्वयं को भावी पीएम के रूप में पेश करने का सपना पाले हुए है। वहीं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पिंडरा विधानसभा क्षेत्र में जनसभा के जरिए मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश करते नजर आएं। पिंडरा विधानसभा प्रत्याशी अजय राय के समर्थन में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का यहां आना हुआ है। बसपा सुप्रीमो मायावती की सातवें चरण में प्रचार के लिए निकली। उन्होंने सपा भाजपा कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।

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सातवें चरण का रण पूर्वांचल के उन नौ जिलों में लड़ा जा रहा है, जो खतरनाक और गैंगस्टरों से भरे राज्य की पहचान कराता है। मिर्जापुर, रक्तांचल, रंगबाज और असुर जैसी वेब सीरीज के लिए मसाला यहीं मिलता है। मुख्तार अंसारी से लेकर धनंजय सिंह और विजय मिश्र जैसे माफिया सरगना काशी की सरजमीं में ही पनपते हैं। यहीं सैकड़ों करोड़ लोगों के अराध्य बाबा विश्वनाथ हैं, तो गौतम बुद्ध की पहली उपदेश स्थली सारनाथ भी यहीं है। 


खैर, 07 मार्च को जिन 09 जिलों में मतदान होना है उसमें आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, संत रविदास नगर, वाराणसी, मीर्जापुर, चंदौली और सोनभद्र जिले शामिल हैं। वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी और आजमगढ़ से सपा प्रमुख अखिलेश यादव की सांसद होने के नाते प्रतिष्ठा दांव पर लगी हैं। वहीं गाजीपुर से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के पुत्र और जौनपुर से बाहुबली धनंजय सिंह जनतादल यू, भदोही से दबंग विजय मिश्र मैदान में हैं। इन सभी जिलों से निकलने वाले सियासी संदेश को पीएम मोदी से जोड़कर देखा जाएगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर निर्णायक बढ़त हासिल करने के लिए भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ पूरी ताकत झोंक दी है। सातवें चरण के चुनावों में भाजपा के साथ उसके सहयोगी दलों  निषाद पार्टी और अपना दल की भी परीक्षा  होनी है। कभी भाजपा की हितैषी रही ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभाषपा इस बार समाजवादी पार्टी के साथ चुनावी मैदान में है। इस चरण में सुभाषपा की भी साख दांव पर लगी है। ओमप्रकाश राजभर इससे इतिफाक नहीं रखते हैं और वह कहते हैं असली परीक्षा तो हम छोटे दलों की पांचवें चरण से ही शुरू हो गई थी। जिसमें संजय चौहान की जनवादी पार्टी और कृष्णा पटेल की अपना दल की सियासी ताकत की जोर आजमाइश भी हुई। सातवें चरण की जिन 54 सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें से इस समय छोटे-छोटे दल समझे जाने दलों में अपना दल के पास चार, सुभाषपा के पास तीन और निषाद पार्टी के पास एक सीट है।


बड़े दलों के बीच यह चुनाव कितना चुनौतीपूर्ण है, इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि उनके द्वारा छोटे दलों को भरपूर तवज्जो दी जा रही है, जो ओम प्रकाश 2002 में पार्टी बनाने के बाद कभी मतदाताओं पर प्रभाव नहीं डाल पाए और 2017 में भाजपा का साथ होने के बावजूद आठ में से चार सीटें ही जीत पाए, उन्हें 2022 में सपा ने गठबंधन में 17 सीटें दी हैं। अपना दल (एस) को भाजपा ने पिछले चुनाव से अधिक 17 सीटें दीं तो अखिलेश ने भी उनकी प्रतिस्पर्धा में अपना दल कमेरावादी को छह सीटें चुनाव लडऩे के लिए दे दीं। यह और बात है कि अपना दल कमेरावादी ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है, लेकिन सपा के साथ उसका गठबंधन जारी रहेगा। इसी तरह 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने बलबूते सिर्फ एक सीट जीत पाई निषाद पार्टी को इस बार भाजपा ने 16 सीटें दे दी हैं। चूंकि, सपा स्वामी प्रसाद मौर्य को उनकी जाति का बड़ा नेता मान रही है, इसलिए महान दल के केशव देव मौर्य को गठबंधन में कोई सीट नहीं दी गई।


बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी बीते रविवार 27 फरवरी को वाराणसी पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने वाराणसी जिले की आठ विधानसभा सीटों के बूथ प्रभारियों को चुनाव प्रबंधन और जीत का मंत्र दिया था। इस दौरान उन्होंने काशी और पूर्वांचल के साथ अपना लगाव जाहिर करने के साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव पर जमकर निशाना भी साधा। अब बाकी के दिनों में पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में प्रधानमंत्री मोदी की कई जनसभाएं होनी है। सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर थमने के पहले पीएम मोदी 4 मार्च को फिर वाराणसी के दौरे किया। इस दौरान पीएम मोदी का जनसभा और रोड शो का कार्यक्रम भी तय किया गया था। वे 5 मार्च को चुनावी प्रचार थमने के पूर्व दिल्ली रवाना हो जाएंगे। ऐसे में पूर्वांचल के प्रत्याशियों की नजर पीएम मोदी के दौरे से होने वाले सियासी लाभ पर टिकी हुई है।


सातवें चरण में भाजपा प्रत्याशियों की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह भी काफी सक्रिय हैं। वे काशी को केंद्र बनाकर आसपास के जिलों में जोरदार चुनाव प्रचार करने में जुटे हुए हैं। शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी पूर्वांचल के जिलों में काफी सक्रिय हैं। जिन इलाकों में चुनाव मतदान का काम पूरा हो चुका है, वहां के पार्टी पदाधिकारियों को भी पूर्वी उत्तर प्रदेश में चुनावी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब सबकी नजर पूर्वी उत्तर प्रदेश से निकलने वाले सियासी संदेश पर टिकी हुई है।


उधर, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और कांग्रेस की प्रियंका गांधी भी भाजपा के सामने कड़ी चुनौती पेश करने को आतुर हैं। सातवें चरण के लिए समाजवादी पार्टी की तैयारी पूरी है। डिंपल यादव और जया बच्चन जौनपुर में अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा कर चुकी हैं। सातवें चरण के लिए कई सपा उम्मीदवारों ने डिंपल यादव और जया बच्चन की मांग की थी. जिसके बाद दोनों नेता पार्टी का प्रचार कर रही हैं। असल में पार्टी की महिला प्रत्याशियों ने अपनी चुनावी सभाओं में डिंपल और जया बच्चन की जनसभाओं की मांग की थी. जिसके बाद पार्टी ने इन दोनों स्टार प्रचारकों को हेलीकॉप्टर मुहैया कराया है इसके साथ ही चुनाव प्रचार में पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य, नरेश उत्तम पटेल, राजपाल कश्यप को भी उतारा है नरेश उत्तम का कहना है कि पार्टी के प्रत्याशी जिन स्टार प्रचारकों का कार्यक्रम चाहते हैं, उन्हें ही उनके पास भेजा जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के सातवें चरण की 54 सीटों की तस्वीर सोमवार को साफ हो गई है। कुल 28 नामांकन वापस हुए हैं। इस चरण के लिए कुल 868 नामांकन पत्र दाखिल हुए थे, जांच में 227 पर्चे खारिज हो चुके हैं। अब मैदान में कुल 613 उम्मीदवार हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें चरण में सबसे अधिक प्रत्याशी जौनपुर जिले की जौनपुर सीट पर 25 हैं, जबकि वाराणसी जिले की पिन्ड्रा व शिवपुर में सबसे कम छह-छह प्रत्याशी मैदान में हैं। सोनभद्र जिले की राबर्टसगंज व भदोही जिले की ज्ञानपुर सीट पर सबसे अधिक तीन-तीन प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस लिया है।


सातवें चरण में आजमगढ़ जिले के अतरौलिया में 10, गोपालपुर में 11, सगड़ी में 14, मुबारकपुर में 13, आजमगढ़ में नौ, निजामाबाद में 13, फूलपुर पवई में 12, दीदारगंज में 14, लालगंज में 10, मेहनगर में आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान हैं। भदोही जिले के भदोही में 12, ज्ञानपुर में नौ, औराई में सात प्रत्याशी, चंदौली जिले के मुगलसराय में 13, सकलडीहा में नौ, सैयदराजा में 11, चकिया में 10 प्रत्याशी बचे हैं। गाजीपुर जिले के जखनियां में 15, सैदपुर में 10, गाजीपुर में 19, जंगीपुर व जहूराबाद में 13-13, मोहम्मदाबाद में 10 व जमानिया में 14 प्रत्याशी मैदान में हैं। जौनपुर जिले के बदलापुर में 14, शाहगंज में 13, जौनपुर में 25, मल्हनी में 12, मुंगराबादशाहपुर में 15, मछलीशहर में 10, मड़ियाहू में 12, जफराबाद व केराकत में 10-10 प्रत्याशी रह गए हैं। मऊ जिले के मधुबन में 12, घोसी में 11, मोहम्मदाबाद गोहना में आठ, मऊ में 13, मीरजापुर जिले के छानबे में आठ, मीरजापुर व मझवां में 14-14, चुनार में 10, मड़िहान में 14, सोनभद्र के घोरावल में 12, राबर्टसगंज में 10, ओबरा में आठ व दुद्धी में 10 प्रत्याशी शेष हैं। इसी प्रकार वाराणसी जिले की पिन्ड्रा में छह, अजगरा में 11, शिवपुर में छह, रोहनिया में 10, वाराणसी उत्तर में सात,वाराणसी दक्षिण में 11, वाराणसी कैंट में नौ व सेवापुरी में 10 प्रत्याशी मैदान में हैं।


- अजय कुमार

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