By नीरज कुमार दुबे | Mar 31, 2020
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के संक्रमण के 227 नये मामलों की पुष्टि होने और तीन मरीजों की मौत होने की जानकारी देते हुये मंगलवार को बताया कि संक्रमण को रोकने के लिये लागू किये गये देशव्यापी लॉकडाउन का पालन ठीक से नहीं होने के कारण मामले बढ़ रहे हैं। इनके साथ ही संक्रमण के खतरे वाले इलाके (हॉटस्पॉट) भी बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 1251 मामले हो गये हैं जबकि इनकी मौत का आंकड़ा 32 तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में पश्चिम बंगाल, गुजरात और मध्य प्रदेश में एक एक संक्रमित मरीज की मौत हुयी है। उन्होंने संक्रमण के मामलों में इजाफा नहीं रुकने के पीछे संक्रमण के नये मामलों से संबद्ध इलाकों में लॉकडाउन के पालन में जनता के सहयोग में कमी और संक्रमण की समय से पहचान में देरी होने को प्रमुख वजह बताया है। उन्होंने कहा कि जिस इलाके से संक्रमण का एक भी मामला सामने आता है, उसे पृथक हॉटस्पॉट के रूप चिन्हित कर उस इलाके में रोकथाम के उपाय तेज कर दिये जाते हैं। अग्रवाल ने संक्रमण के मामले रोकने के लिये लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने को ही एकमात्र उपाय बताते हुये कहा कि इसकी रोकथाम के लिये सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के लिये विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने तुर्की, दक्षिण कोरिया और वियतनाम के आपूर्तिकर्ताओं से संपर्क स्थापित किया है।
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संवाददाता सम्मेलन में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि देश में कार्यरत 123 प्रयोगशालाओं में अब तक 42788 नमूनों का परीक्षण किये जा चुका है। इनमें पिछले 24 घंटों में किये गये 4346 परीक्षण भी शामिल हैं। गंगाखेड़कर ने कहा कि इसके साथ ही देश में परीक्षण का स्तर कुल क्षमता का 36 प्रतिशत हो गया है। अब तक यह 30 प्रतिशत था। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में आईसीएमआर द्वारा मान्यता प्राप्त 49 निजी प्रयोगशालाओं में 399 सेंपल परीक्षण किये गये।
इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि कोविड-19 के संकट को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी होगी दर्ज और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी।
राहत उपायों को अमल में लाने को कहा
बैंकों ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ से लोगों को राहत देने के लिये आवास, वाहन और फसल समेत सभी प्रकार के मियादी कर्जों की किस्त लौटाने पर तीन महीने की रोक को लेकर अपनी शाखाओं को इसे अमल में लाने को लेकर कदम उठाने को कहा है। रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ से लोगों को राहत देने के लिये कर्ज की किस्त लौटाने पर तीन महीने की मोहलत देने की घोषणा की है। कई बैंकों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपनी शाखाओं को आरबीआई द्वारा घोषित विभिन्न योजनाओं के बारे में सूचित किया है और विस्तृत दिशानिर्देश उपलब्ध कराया है। ग्राहकों को पंजीकृत मोबाइल नंबर ईएमआई भुगतान के संदर्भ में सूचना दी जा रही है।
लोगों पर रसायन स्प्रे करने के जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में पिछले दिनों लोगों पर रसायन का स्प्रे किये जाने की घटना को अशिष्टतापूर्ण बताते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिये हैं। गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ने बरेली में लोगों पर स्प्रे किये जाने की घटना को 'अशिष्ट और अभद्र' बताते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। मालूम हो कि रविवार को बरेली में पुलिस की मौजूदगी में अस्थाई बस अड्डे पर जिले से गुजर रहे सैंकड़ों लोगों पर यातायात पुलिस द्वारा दमकल गाड़ियों से सोडियम हाइपोक्लोराइड युक्त पानी का छिड़काव कराया गया था। घोल का पानी आंखों में पड़ने से कुछ लोगों की आंखें लाल हो गयीं और उन्हें जलन महसूस हुई। सूत्रों के मुताबिक इन कामगारों पर दो बार छिड़काव किया गया। इससे कुछ देर के लिए वहां भगदड़ मच गयी। विपक्षी दलों ने इस घटना की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार का घेराव किया था।
फीस मांगने वाले स्कूलों को प्रशासन ने दी चेतावनी
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के ठाणे जिले में फीस मांगने वाले स्कूलों को प्रशासन ने सख्त चेतावनी दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि चेतावनी के बाद भी फीस मांगने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। जिले की शिक्षा अधिकारी संगीता भागवत ने सरकारी सहायता प्राप्त और सरकार से सहायता नहीं लेने वाले स्कूलों को भेजे गए सख्त संदेश में कहा है कि शिक्षा विभाग को अभिभावकों से शिकायत मिली है कि जिले में कुछ स्कूल तत्काल फीस मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोग काम पर नहीं जा पा रहे हैं जिससे उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है। ऐसे में अभिभावकों से स्कूल फीस मांगना अनुचित है। उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकारी सहायता प्राप्त या सरकार से सहायता नहीं लेने वाले स्कूल फीस की मांग करते हैं और विद्यार्थियों के माता-पिता शिकायत करते हैं तो ऐसे स्कूलों की महाराष्ट्र सरकार मान्यता रद्द कर देगी। भागवत ने कहा कि स्थिति सामान्य होने तक स्कूलों को फीस नहीं मांगनी चाहिए।
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अभी समय गलती खोजने का नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में कुछ दिनों पहले हुये एक धार्मिक जमावड़े के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की आशंकाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मंगलवार को कहा कि यह समय, किसकी गलती है, ये खोजने का नहीं है बल्कि संक्रमण को रोकने के लिये काम करने का है। उल्लेखनीय है कि हाल में निजामुद्दीन इलाके में धार्मिक संगठन तबलीग ए जमात के एक कार्यक्रम में जुटे लोगों में से कुछ में कोरोना का संक्रमण पाये जाने और कुछ अन्य में संक्रमण की आशंका के चलते उन्हें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। समझा जाता है कि इस आयोजन में लगभग दो हजार लोगों ने हिस्सा लिया था, इनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
कफन-दफन में शामिल नहीं हो सके परिजन
तेलंगाना में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले दो लोगों की अंतिम यात्रा भी बड़ी अकेली रही, परिवार के लोग और रिश्तेदार पृथक रखे जाने और विदेशों में फंसे होने के कारण उन्हें मिट्टी देने नहीं पहुंच सके। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से पहली मौत 74 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। उनके कफन-दफन में सिर्फ एक रिश्तेदार पहुंचा जबकि दूसरे 64 वर्षीय व्यक्ति को मिट्टी देने पहुंचे रिश्तेदारों की संख्या भी बहुत कम थी। दोनों ही वरिष्ठ नागरिक मध्य मार्च में दिल्ली में ‘तबलीगी जमात’ के आयोजन में शामिल हुए थे।
मरकज से लौटे हर व्यक्ति की जांच होगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली के निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज से राज्य में आये हर व्यक्ति की जांच कराकर जरूरत पड़ने पर पृथक करने की कार्रवाई के निर्देश देते हुए मंगलवार को कहा कि राज्य में कहीं पर लोग बिना बताये समूह में रह रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। सरकार ने मरकज से लौटे लोगों से आह्वान किया है कि वे स्वहित और समाज के हित में खुद सामने आकर अपने बारे में सूचना दें। गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली के तब्लीगी मरकज में हुई घटना के मद्देनजर अधिकारियों के साथ बैठक की। योगी ने कहा कि मरकज में शिरकत करके उत्तर प्रदेश आये हर व्यक्ति की जांच करायी जाए। अगर जरूरत पड़े तो उन्हें पृथक करने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि मरकज से लौटे लोग जहां कहीं भी हैं, उनकी जांच की जाए और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाए। मरकज से लौटकर जो 157 लोग प्रदेश में आये थे उनमें से 95 प्रतिशत का पता लगाया जा चुका है। बाकी का आज शाम तक पता लगा लिया जाएगा। हर हालत में उनका ब्लड टेस्ट कराया जाएगा। कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाये जाने के बाद भी उनकी निगरानी की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक किसी की भी जांच पॉजिटिव नहीं आयी है। हमारी यह अपील और आह्वान है कि जहां भी ऐसे लोग हैं, वे खुद सामने आकर इसकी सूचना प्रशासन को दें। वह उनके हित में भी है और समाज के हित में भी।’’ अवस्थी ने कहा कि अगर कहीं पर लोग इकट्ठा हैं या समूह में रह रहे हैं या सूचना नहीं दी है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। कहीं पर अगर लोगों के छुपे होने की सूचना है तो निकटस्थ थाने या नियंत्रण कक्ष पर इत्तेला दे दें। ऐसे लोगों को हम पहले तो समझाएंगे और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की मां ने 25 हजार रुपये दान किये
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन ने अपनी बचत में से देश में कोरोना वायरस से लड़ाई के लिये बनाए गए विशेष कोष में मंगलवार को 25 हजार रुपये दान किये। प्रधानमंत्री के छोटे भाई पंकज मोदी ने कहा कि हीराबेन ने केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए पीएम-केयर्स कोष में पैसे जमा किये। पंकज मोदी ने कहा, 'इससे पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विनाशकारी बाढ़ के बाद राहत अभियानों के लिये 5 हजार रुपये दान किये थे। अब उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ाई के लिये बरसों से बचाकर रखे गए 25 हजार रुपये दान किये हैं।' हीराबेन मोदी पंकज मोदी के साथ गांधीनगर के निकट रायसण गांव में रहती हैं।
हर घंटे सरकार को सेल्फी भेजने का निर्देश
कर्नाटक सरकार के राजस्व विभाग ने पृथक सेवा में रखे गए लोगों पर निगरानी रखने के लिए ‘‘क्वारंटाइन स्विच’’ नाम का मोबाइल एप्लिकेशन जारी किया है। इसके जरिए घरों में पृथक सेवा में रह रहे कोरोना वायरस के संदिग्धों और मरीजों को अपनी सेल्फी भेजने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने आदेशों के उल्लंघन करने पर इन पृथक लोगों को सामूहिक पृथक केंद्रों में भेजने की चेतावनी दी है। एक प्रेस विज्ञप्ति में कर्नाटक के चिकित्सीय शिक्षा मंत्री के सुधाकर ने घर में पृथक रह रहे सभी लोगों को हर घंटे सेल्फी भेजने का निर्देश दिया। क्वारंटाइन वाच के जरिए भेजी जाने वाली सेल्फी में मरीज कहां है बताने के लिए जीएसपी सूचक होंगे। मंत्री ने एक बयान में कहा, “अगर घर में पृथक रह रहे लोग हर घंटे (रात 10 बजे से सुबह सात बजे तक सोने का समय छोड़कर) सेल्फी भेजने में असफल रहते हैं तो उन्हें सरकारी सामूहिक पृथक केंद्र में भेज दिया जाएगा।” गुमराह करने के लिए गलत सेल्फी भेजने वालों के साथ भी यह किया जाएगा।
शराबियों के लिए विशेष पास जारी करेगी केरल सरकार
केरल सरकार ने नशेड़ियों को उनकी बुरी हालत को देखते हुए चिकित्सीय सलाह पर शराब मुहैया कराने के लिए विशेष पास जारी करने का निर्णय लिया है जिससे वे आबकारी विभाग की मदद से शराब ले सकें। डॉक्टरों के संघ की आपत्ति के बावजूद, कोविड-19 के प्रकोप के कारण लागू 21-दिवसीय लॉकडाउन के दौरान चिकित्सीय परामर्श पर शराबियों को शराब मुहैया कराने के संबंध में सोमवार रात को यह सरकारी आदेश जारी किया गया। आदेश में कहा गया, “लॉकडाउन के कारण राज्य में शराब की दुकाने बंद होने की वजह से शराब ना मिलने से हताश होकर आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसी समस्याएं देखी गयी हैं। राज्य सरकार इन्हीं समस्यायों से निपटने के लिए यह निर्णय ले रही है।”
इंजीनियरिंग की जेईई-मुख्य परीक्षा स्थगित
कोरोना वायरस के खतरे के चलते आईआईटी एवं एनआईटी में प्रवेश के लिए अप्रैल में होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मुख्य 2020 को स्थगित कर दिया गया है और अब इसे मई महीने के अंतिम सप्ताह में आयोजित करने का प्रस्ताव किया गया है । मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनटीए) ने जेईई मुख्य 2020 परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी जो 5, 7, 9, 11 अप्रैल 2020 को आयोजित होनी थी। एनटीए ने अधिसूचित किया है कि अब यह परीक्षा मई महीने के अंतिम सप्ताह में आयोजित किये जाने का प्रस्ताव किया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि आने वाले सप्ताहों में स्थिति की समीक्षा करने के बाद तिथि की घोषणा की जायेगी।
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न्यायालय का निर्देश
उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस की वजह से कामगारों के पलायन को रोकने और 24 घंटे के भीतर इस महामारी से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराने के लिये एक पोर्टल बनाने का केन्द्र को मंगलवार को निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि इस पोर्टल से महामारी से संबंधित सही जानकारी जनता को उपलब्ध करायी जाये। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केन्द्र को यह निर्देश दिया। पीठ ने कहा, ‘‘यह दहशत वायरस से कहीं ज्यादा जिंदगियां बर्बाद कर देगा।’’ साथ ही पीठ ने केन्द्र से कहा कि देश के तमाम आश्रय गृहों में पनाह लिये इन कामगारों का चित्त शांत करने के लिये प्रशिक्षित परामर्शदाताओं और सभी आस्थाओं के समुदायों के नेताओं की मदद ले।’’ पीठ ने कहा कि इन आश्रय गृहों का संचालन पुलिस को नहीं बल्कि स्वंयसेवकों को करना चाहिए और उनके साथ किसी प्रकार का बल प्रयोग नहीं होना चाहिए। पीठ ने केन्द्र से कहा कि वह पलायन कर रहे इन कामगारों को रोके और उनके भोजन, रहने और चिकित्सा सुविधा आदि का बंदोबस्त करे।
न्यायालय को दी गयी जानकारी
केन्द्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि कोरोना वायरस की समस्या से निबटने के लिये सरकार द्वारा समय रहते उठाये गये एहतियाती कदमों की वजह से अभी तक इसे नियंत्रित किया जा सका है लेकिन इस समय इस चुनौती से निबटने के मामले में फर्जी खबरें एकमात्र सबसे बड़ी बाधक बनी हैं। केन्द्र ने शीर्ष अदालत में मंगलवार को कोरोना वायरस और इससे जुड़े मुद्दों से निबटने के लिये अब तक उठाये कदमों की जानकारी देते हुये एक हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे के साथ न्यायालय में पेश स्थिति रिपोर्ट में केन्द्र ने कहा है कि उसने जांच की क्षमता बढ़ाई है और इस महामारी को देश में फैलने से रोकने के प्रयासों के तहत किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिये 40,000 वेंटिलेटर खरीदने का आदेश भी दिया है।
विश्वभर में सख्ती से लॉकडाउन लागू, स्पेन के लिए सबसे घातक दिन
विश्वभर में तबाही मचा रहे घातक कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के प्रयासों के तहत कई देशों में सख्ती से लॉकडाउन (बंद) लागू किया गया है जिसके कारण दुनिया की करीब आधी आबादी को घरों में ही रहने की हिदायत दी गई है। इस वायरस के संक्रमण को काबू करने के लिए दुनियाभर में तमाम प्रयासों के बावजूद लोगों के संक्रमित होने और मारे जाने का सिलसिला थम नहीं रहा। स्पेन में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के संक्रमण से रिकार्ड 849 लोगों की मौत हो गई जिससे देश में इस महामारी से मृतकों की संख्या बढ़कर 8,189 हो गई है। पिछले 24 घंटे में 9,222 लोग इस वायरस से संक्रमित पाये गये हैं जिससे पुष्ट मामलों की कुल संख्या बढ़कर 94,417 हो गई है। आधिकारिक सूत्रों से एकत्र जानकारी के अनुसार विश्वभर में इस वायरस के कारण मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 38,466 हो गई। चीन में दिसंबर में सामने आए कोरोना वायरस के पहले मामले के बाद से दुनिया के 185 देशों और क्षेत्रों में 7,91,000 से अधिक लोगों के इस विषाणु से संक्रमित होने के मामले दर्ज किए गए हैं। इटली में इस बीमारी से 11,591 लोगों की मौत हो चुकी है, देश में कुल 1,01,739 लोग संक्रमित हैं और 14,620 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं।
हांगकांग एवं मकाऊ को छोड़कर चीन में 3,305 लेागों की मौत इस वायरस से हो चुकी है, कुल 81,518 मामले सामने आए हैं और संक्रमित हुए 76,052 लोग स्वस्थ हो चुके है। चीन में सोमवार से संक्रमण के 48 नए मामले सामने आए हैं और एक व्यक्ति की मौत हुई है। फ्रांस में इस वायरस के कारण 3,024 लोगों की मौत हो चुकी है और देश में संक्रमण के कुल 44,550 मामले सामने आए हैं।
अमेरिका में संक्रमितों की संख्या सर्वाधिक है। देश में कुल 1,64,610 लोग संक्रमित मिले हैं, 3,170 लोगों की मौत हुई है और 5,764 लोग बीमारी से उबर चुके हैं। ईरान ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस से 141 और लोगों की मौत हो गई जिससे देश में इस महामारी से मृतकों की संख्या बढ़कर 2,898 हो गई है। बेल्जियम में कोरोना वायरस से संक्रमित 12 वर्षीय एक लड़की की मौत हो गई। तंजानिया और आइवरी कोस्ट में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पहली मौत का मामला सामने आया जबकि दक्षिण सूडान में संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया गया।
यूरोप में 4,29,362 मामले (27,740 मौत), एशिया में (1,08,143 मामले, 3,878 मौत), अमेरिका और कनाडा में 1,71,896 मामले और 3,878 मौत, पश्चिम एशिया में 54,642 मामले, और 2,999 मौत, लातिन अमेरिका और कैरेबिया में 16,399 मामले और 417 मौत, अफ्रीका में 5,343 मामले और 170 मौत तथा ओशिनिया में 5,224 मामले और 22 मौत दर्ज की गई। इटली में कोरोना वायरस के कारण मारे गए लोगों के सम्मान में एक मिनट के मौन के दौरान राष्ट्रध्वज को आधा झुकाया गया। इटली ने कोरोना वायरस संक्रमण को जड़ से खत्म करने की खातिर लॉकडाउन की अवधि अप्रैल माह के मध्य तक बढ़ा दी है। इटली के स्वास्थ्य मंत्री रोबर्टो स्पेरांजा ने बाद में घोषणा की, “बंद संबंधी सभी कदम कम से कम 12 अप्रैल तक, यानि ईस्टर तक जारी रहने वाले हैं।’’
रूस में एक ही दिन में कोरोना वायरस के सवार्धिक 500 मामले सामने आने के बाद इस महामारी के प्रकोप को रोकने के लिये मंगलवार को लॉकडाउन का दायरा बढ़ा दिया गया और साथ ही तीन महत्वपूर्ण कानूनों को मंजूरी दे दी गई। क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े देश रूस के कुल 85 में से अब 40 से अधिक क्षेत्रों में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। इनमें पूर्व में चीन की सीमा से लगा प्रिमोर्स्की क्राई और पश्चिम में कालिनिनग्राद क्षेत्र भी शामिल हैं।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत के मामलों में लगातार इजाफा के मद्देनजर मंगलवार को देश में आपातकाल की घोषणा की, लेकिन उन्होंने किसी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से इनकार कर दिया। राजधानी जकार्ता और अन्य प्रमुख शहरों में लॉकडाउन लागू नहीं करने पर विदोदो प्रशासन की कड़ी आलोचना हो रही है। इन शहरों में देश की करीब तीन करोड़ आबादी रहती है और इन्हीं से कोरोना वायरस से मौत के अधिकतर मामले सामने आए हैं।
इस बीच कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार के लिए विश्वभर में प्रयास तेज हो गए हैं। जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा है कि उसने कोरोना वायरस के इलाज के लिए संभावित टीके की पहचान की है जिसका सितंबर माह में मनुष्यों पर परीक्षण किया जाएगा और यह अगले साल के शुरुआती महीनों में आपात इस्तेमाल के लिए उपलब्ध भी हो सकता है। चीन में जानलेवा कोरोना वायरस का टीका विकसित किया जा रहा है। अगर वुहान में चल रहे परीक्षण से साबित होता कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है तो चीन की योजना इस बीमारी से गंभीर रूप से प्रभावित अन्य देशों में भी इसका परीक्षण करने की है। चाइनीज अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग की सदस्य चेन वेई ने बताया कि अधिकारियों की मंजूरी के बाद, 16 मार्च को वुहान में टीके के क्लीनिकल परीक्षण का पहला चरण शुरू किया गया था। यह सुचारू रूप से चल रहा है और इसके नतीजे अप्रैल में प्रकाशित किए जाएंगे। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 को लेकर पूरा ध्यान जहां पश्चिमी यूरोप और उत्तर अमेरिका के सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों की ओर चला गया है वहीं एशिया और प्रशांत क्षेत्र में यह महामारी अभी समाप्त होने से बहुत दूर है।
विश्व अर्थव्यवस्था चरमराई
कोरोना वायरस के कारण वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। विश्व बैंक ने अनुमान जाहिर किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण इस साल चीन तथा अन्य पूर्वी एशिया प्रशांत देशों में अर्थव्यवस्था की रफ्तार बहुत धीमी रहने वाली है जिससे लाखों लोग गरीबी की ओर चले जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में इस वर्ष विकास की रफ्तार 2.1% रह सकती है जो 2019 में 5.8% थी। बैंक का अनुमान है कि 1.1 करोड़ से अधिक संख्या में लोग गरीबी के दायरे में आ जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र की ताजा व्यापार रिपोर्ट के मुताबिक भी कोरोना वायरस महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल मंदी में चली जाएगी, जबकि भारत और चीन इसके अपवाद हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान खरबों डॉलर का नुकसान होगा और विकासशील देशों के लिए एक बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। रिपोर्ट में हालांकि इस बात की विस्तार से व्याख्या नहीं की गई है कि भारत और चीन अपवाद क्यों और कैसे होंगे।
-नीरज कुमार दुबे