जनगणना विभाग के बजट में 700 प्रतिशत का इजाफा, जानें बढ़कर कितना हुआ

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 01, 2020

नयी दिल्ली। देशभर में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर), राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनआरसी) पर छिड़ी बहस के बीच आम बजट 2020-21 में जनसंख्या, सर्वेक्षण एवं सांख्यिकी और भारत के महारजिस्ट्रार विभाग का कुल बजट आवंटन करीब 700 प्रतिशत बढ़ाया गया है। वित्त वर्ष 2019-20 में विभाग के लिए कुल 621.33 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जिसे 2020-21 के आम बजट में बढ़ाकर 4,568 करोड़ रुपये कर दिया गया है। मौजूदा बजट प्रावधान पिछले बजट के मुकाबले 635.19 प्रतिशत अधिक है।

इसे भी पढ़ें: Budget 2020 के बाद महंगा हुआ सोना-चांदी, जानें आज का रेट

इसमें जनगणना सर्वेक्षण और सांख्यिकी के लिए 4,278 करोड़ रुपये का प्रावधान है जो पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में किए गए 537.33 करोड़ रुपये के प्रावधान से 696.15 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में सरकार ने जनगणना से जुड़े एनपीआर की समीक्षा कर इसे प्रासंगिक बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अगले साल अप्रैल से सितंबर के बीच होने वाली इस जनगणना पर 8,500 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।

इसे भी पढ़ें: सामाजिक सुरक्षा के बिना कर छूट का प्रस्ताव व्यर्थ की कवायद: तृणमूल कांग्रेस

एनपीआर में भारत के हर ‘सामान्य निवासी’ का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके संबंध में एक सामान्य निवासी वह व्यक्ति है जो कम से कम छह महीने या उससे ज्यादा समय के लिए स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है, या वह अगले छह महीने या उससे अधिक समय के लिए निवास करने की मंशा रखता है। एनपीआर को स्थानीय (गांव/ उप नगर), उप जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नागरिकता कानून 1955 व नागरिकता नियम, 2003 के तहत तैयार किया जाएगा।

इसे भी देखें: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण

प्रमुख खबरें

पंजाब में पुलिस चौकी पर बम फेंकने वाले तीन अपराधी पीलीभीत में मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल

कर्नाटक: लोकायुक्त अधिकारी बनकर ठगी का प्रयास करने वाला व्यक्ति गिरफ्तार

ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी पूंजीपति श्रीराम कृष्णन को कृत्रिम मेधा पर वरिष्ठ नीति सलाहकार नामित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत रत्न चौधरी चरण सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी