अनलॉक-1: कोरोना संकट से निपटने के लिए MP में 60,000 बिस्तर तैयार, हर दिन 15,000 नमूनों की होगी जांच
By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 01, 2020
इंदौर। कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर लागू लॉकडाउन में छूट का दायरा बढ़ाये जाने के साथ ही मध्यप्रदेश में सोमवार से अलग-अलग गतिविधियां बहाल हो गयीं। इस बीच, प्रदेश सरकार ने आने वाले दिनों में इस महामारी के मरीजों की तादाद में संभावित बढ़ोतरी के हालात से निपटने के लिये अस्पतालों में 60,000 बिस्तर तैयार रखे हैं। प्रदेश के लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने यहां एक बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, फिलहाल सूबे के अस्पतालों में कोविड-19 के करीब 3,000 मरीज भर्ती हैं। हालांकि, आर्थिक गतिविधियां और अन्य कार्यकलाप बहाल होने से आने वाले दिनों में महामारी के मरीजों की तादाद बढ़ती है, तो हम इस स्थिति से निपटने के लिये तैयार हैं। उन्होंने बताया कि इस तैयारी के तहत राज्य में अलग-अलग श्रेणियों के अस्पतालों में कुल 60,000 बिस्तरों की व्यवस्था की गयी है।
इनमें से 6,000 बिस्तरों में कृत्रिम ऑक्सीजन की आपूर्ति की सुविधा है। सुलेमान ने बताया कि प्रदेश के अस्पतालों में कृत्रिम ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तरों की तादाद 6,000 से बढ़ाकर 14,000 की जा रही है। इसके लिये अस्पतालों में कृत्रिम ऑक्सीजन की नयी पाइपलाइन डाली जा रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि मरीजों में कोविड-19 के संक्रमण का पता लगाने के लिये फिलहाल प्रदेश में हर दिन तकरीबन 6,100 नमूनों की जांच की जा सकती है। उन्होंने कहा, हमारा अनुमान है कि कोविड-19 की जांच की यह क्षमता अगले कुछ दिनों में बढ़कर 15,000 नमूनों तक पहुंच जायेगी। उन्होंने कहा, प्रदेशवासियों को कोविड-19 को हौवा बनाकर इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन हम जनता से हाथ जोड़कर अनुरोध करते हैं कि वह पूरी सावधानी बरतते हुए खुद भी अपना ध्यान रखे क्योंकि (महामारी से बचाव के लिये) लोहे की कोई दीवार खड़ी नहीं की जा सकती। अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर में इस महामारी के हालात की समीक्षा के लिये आये थे। उन्होंने बताया कि इंदौर में फिलहाल हर दिन 1,400 नमूनों की कोविड-19 की जांच की जा सकती है।
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जिले में महामारी की जांच की क्षमता बढ़ाने के लिये अमेरिका से अत्याधुनिक मशीन आयात की जा रही है। सुलेमान ने कहा, इंदौर में कोविड-19 के संक्रमण की शुरूआत फरवरी में हुई होगी। शायद हमें तब इस संक्रमण का समय से पता नहीं चल सका जिससे शहर की घनी आबादी वाले इलाकों में अचानक बड़ी तादाद में इस महामारी के मामले एक साथ सामने आये। उस समय कोरोना वायरस की तीव्रता भी ज्यादा थी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने दावा किया, गुजरे दिनों में इंदौर में कोविड-19 पर आश्चर्यजनक तौर पर काबू पाया गया और यह इस महामारी पर सफलता की एक कहानी है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमितों का आंकड़ा रविवार रात तक की स्थिति में 8,100 के पार पहुंच गया। इनमें से करीब 44 प्रतिशत मामले अकेले इंदौर जिले में सामने आये हैं।