Lockdown के पाँचवें दिन की हर बड़ी खबर का Latest Update

By नीरज कुमार दुबे | Mar 29, 2020

देश में रविवार को कोविड-19 के मामले बढ़कर 1024 हो गए और मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गई। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। मंत्रालय की तरफ से शाम साढ़े सात बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक गुजरात और जम्मू-कश्मीर में दो लोगों की मौत हो गई। कोरोना वायरस के कारण अभी तक महाराष्ट्र में छह, गुजरात में पांच, कर्नाटक में तीन, मध्य प्रदेश में दो, दिल्ली में दो, जम्मू-कश्मीर में दो, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार, पंजाब, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। मंत्रालय ने बताया कि देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 901 है जबकि 95 लोग या तो ठीक हो गए या उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई और एक व्यक्ति देश के बाहर चला गया।


केंद्र का सख्त निर्देश


केंद्र ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (बंद) के दौरान प्रवासी कामगारों की आवाजाही को रोकने के लिए प्रभावी तरीके से राज्य और जिलों की सीमा सील करने को कहा है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों को 14 दिन के लिए पृथक केंद्र भेजा जाएगा। मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उनसे सुनिश्चित करने को कहा कि शहरों में या राजमार्गों पर आवाजाही नहीं हो क्योंकि बंद जारी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘देश के कुछ हिस्सों में प्रवासी कामगारों की आवाजाही हो रही है। निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्यों और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील करना चाहिए।’’

 

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बिहार सरकार के इंतजाम


बिहार में अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर पहुंचने लगे हैं जिनके रहने, भोजन और चिकित्सकीय जांच के लिए राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों में सीमा आपदा राहत केंद्र स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नयी दिल्ली के स्थानिक आयुक्त को रविवार को निर्देश दिया कि अन्य राज्यों में लॉकडाउन में फंसे बिहार के लोगों को भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध हो, इस पर पैनी नजर रखें तथा सभी राज्यों के लिये अलग-अलग एक नोडल आफिसर बनायें और उनके साथ बेहतर समन्वय रखें ताकि लोगों को ठीक से मदद की जा सके। मुख्यालय कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार नीतीश ने यह भी निर्देश दिया कि जिन राज्यों से समन्वय स्थापित हो चुका है, वहां बिहार के फंसे लोगों से फीडबैक भी प्राप्त किया जाये। उन्होंने मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को भी निर्देश दिया है कि वे अन्य राज्यों में से बिहार के लोगों के संबंध में प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करते हुये यह सुनिश्चित करें कि उन्हें भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा में कोई कठिनाई न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिये आवश्यक कदम उठा रही है लेकिन इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुये प्रत्येक व्यक्ति का सचेत रहना नितांत आवश्यक है। इसके लिये जो जहां हैं, सोशल डिस्टेंसिंग को अपनायें। आप सब लोग अपने घर के अंदर रहें, अनावश्यक बाहर न निकलें। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य के बाहर से आ रहे लोगों के लिये सीमावर्ती जिलों में राज्य सरकार के द्वारा सीमा आपदा राहत केन्द्र संचालित किये गये हैं, जहाँ इनके रहने, भोजन एवं स्वास्थ्य जाँच आदि की व्यवस्था की गयी है। विभाग के अनुसार स्वास्थ्य जाँच एवं भोजन कराने के पश्चात इन्हें सरकार के द्वारा बसों के माध्यम से उनके गाँव से संबंधित जिला मुख्यालय तक पहुँचाया जाएगा, जहाँ से सरकारी वाहन के द्वारा इन्हें उनके गाँव के स्कूलों तक ले जाया जाएगा एवं क्वॉरन्टीन में 14 दिनों तक रखा जाएगा। विभाग के अनुसार अनुपालन के लिए संबंधित प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, मुखिया, सरपंच, पंच एवं अन्य सरकारी कर्मियों को निर्देश दिया गया है। अबतक 25000 से अधिक लोगों को उनके गाँव के विद्यालय तक पहंचा दिया गया है, जहाँ उन्हें क्वॉरन्टीन में 14 दिनों तक रखा जायेगा।


प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था


कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण दिल्ली और अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जिलों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने 1,500 बसें तैनात की है। मजदूरों के गृह जिले पहुंचने पर उनकी कोविड-19 के लक्षणों की जांच की जाएगी। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बताया कि यहां आने वाले सभी मजदूरों को उनके गृह जिले भेज दिया गया है। उन्होंने कहा, “सैनिटाइज करने के बाद एक हजार पांच सौ बसों की सेवा ली गयी। आज सुबह (रविवार) लाल कुआँ पर लगभग दो हजार मजदूर एकत्रित हुए थे। उनसे बिना कोई भाड़ा लिए उनके घर भेज दिया गया है।''


मंत्री समूह ने देश में स्थिति की समीक्षा की


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह ने रविवार को देश में कोरोना वायरस से पैदा हालात की गहन समीक्षा की। प्रभावित लोगों का उपचार और पेट्रोलियम पदार्थों तथा जरूरी सामानों की आपूर्ति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से अपने गृह राज्यों की और पैदल ही हजारों किलोमीटर की यात्रा करने निकले बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूरों के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ। सूत्रों ने बताया कि मंत्री समूह ने देशभर में कोरोना वायरस से पैदा स्थिति की समीक्षा की। गृह मंत्री अमित शाह, उपभोक्ताओं मामलों के और खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर भी बैठक में मौजूद थे। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी बैठक में भागीदारी की। सूत्रों ने बताया पेट्रोलियम उत्पाद देशभर में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं और बिना किसी दिक्कत के रेल, हवाई और सड़क मार्ग से जरूरी सामानों की ढुलाई हो रही है।


राष्ट्रपति से लेकर मंत्रियों और संगठनों का संकल्प


राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्री, मंत्री, सरकारी संगठन, निजी संस्थाएं और व्यक्तियों ने नव निर्मित पीएस केयर्स कोष में रविवार को योगदान दिया है या योगदान देने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई में योगदान देने के लिए उनके प्रति आभार जताया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोविड-19 के संकट से निकलने में राष्ट्र की मदद के वास्ते इस कोष में अपनी एक महीने की तनख्वाह देने का संकल्प लिया है और देशवासियों से इसमें उदारता से दान करने की अपील की है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का नियोक्ता रेलवे इस कोष में 151 करोड़ रुपये का योगदान देगा।


जरूरी, गैर जरूरी वस्तुओं की ढुलाई की अनुमति


केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने रविवार को कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लॉकडाउन के दौरान जरूरी और गैर जरूरी वस्तुओं में भेद किए बिना सभी सामान की ढुलाई की अनुमति देने को कहा है। गृह सचिव ने स्पष्ट किया कि प्रिंट मीडिया के लिए छूट के तहत अखबार आपूर्ति की व्यवस्था को भी इजाजत दी गयी है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक पत्र में भल्ला ने कहा कि बंद की अवधि के दौरान पैकेटबंद सामग्री सहित दुग्ध संग्रहण और वितरण की आपूर्ति श्रृंखला को भी अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि हैंडवाश, साबुन, मुंह धोने वाली सामग्री जैसे साफ-सफाई के सामान, बैटरी और चार्जर की भी अनुमति दी गयी है।


रसोई गैस की कोई कमी नहीं


सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने रविवार को कहा कि देश में रसोई गैस सहित ईंधन की कोई कमी नहीं है। कंपनियों ने कहा कि लॉकडाउन के बाद कम कर्मचारियों के बावजूद रसोई गैस की आपूर्ति औसतन प्रतिदिन 35-40 प्रतिशत बढ़ गई है। इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए किए गए 21 दिनों के बंद के चलते उपभोक्ताओं को आश्वासन दिया है कि सभी तेल उत्पादों, और खासतौर से रसोई गैस (एलपीजी) की आपूर्ति बिना की बाधा के जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण बंद के शुरुआती दिनों में कुछ देरी हुई, लेकिन अब इसे सामान्य कर दिया गया है।


आस्ट्रेलिया में घरेलू हिंसा के मामले बढ़े


ऑस्ट्रेलिया सरकार ने रविवार को कोरोनावायरस को लेकर बढ़ी घरेलू हिंसा के मामले सामने आने के बाद इससे निपटने के लिए वित्तपोषण में 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वृद्धि की घोषणा की। प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान गूगल पर मदद के लिए की गई खोजों में लगभग 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ऑस्ट्रेलिया के सबसे अधिक आबादी वाले न्यू साउथ वेल्स राज्य में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए बनाई गई संस्था महिला सुरक्षा ने बताया है कि इस दौरान पीड़ितों की संख्या में 40 प्रतिशत से अधिक वृद्धि देखी गई है, जिसमें एक तिहाई से अधिक मामले सीधे वायरस को लेकर हुई हिंसा से जुड़े हैं। विक्टोरिया क्षेत्र में महिलाओं की सहायता सेवा ‘वाएज’ ने कहा कि पिछले सप्ताह से ऐसे पुलिस मामले लगभग दुगना हो गए हैं।


लॉकडाउन क्यों है जरूरी ?


शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में दावा किया है कि 1918-19 में स्पेनिश फ्लू की महामारी के दौरान जिन शहरों ने पहले ही लॉकडाउन जैसे एहतियाती कदम उठाए थे वहां पर इस बीमारी से मृत्यु दर कम रही। अमेरिका स्थित लॉयोला विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ई पैम्बुसियन सहित वैज्ञानिकों के एक दल ने इस नतीजे पर पहुंचने के लिए स्पेनिश फ्लू पर पहले हुए तीन शोधपत्रों की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि स्पेनिश फ्लू की महामारी से दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी प्रभावित हुई थी और पांच करोड़ लोगों की मौत हुई थी।


इटली में हाहाकार


इटली में कोरोना वायरस की महामारी और दिनोदिन खराब होती माली हालत के बीच लोग खाने-पीने का सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। इसकी वजह से सिसली के सुपर मार्केट में स्थानीय लोगों ने लूटपाट की जिसके बाद वहां सुरक्षा के लिये लाठियों और बंदूक से लैस पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। वहीं, देश में कोरोना वायरस की वजह से मची अफरातफरी का फायदा उठा माफिया भी खुद को नये सिरे से संगठित कर रहे हैं, जो प्रशासन के लिए नयी चुनौती है। ला रिपब्लिका अखबार के मुताबिक, ‘‘स्थानीय लोगों को समूह पलमेरो स्थित सुपरमार्केट में भुगतान किए बिना सामान लेकर भाग गए। किसी एक व्यक्ति को कैशियर के काउंटर पर चिल्लाते हुए सुना गया कि हमारे पास देने को पैसे नहीं है लेकिन हमें खाना चाहिए। सिसली के एक अन्य शहर जहां पर छोटी दुकानों को खोलने की अनुमति है स्थानीय लोगों ने मुफ्त में खाना देने का दबाव बनाया।’’


दुनिया में मृतकों की संख्या 31 हजार के पार


दुनियाभर में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या रविवार को 31,412 पहुंच गई। आंकड़ों के मुताबिक दिसबंर में चीन में संक्रमण की पहली खबर आने के बाद से अबतक पुरी दुनिया में 183 देशों के 6,67,090 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं जिनमें से 134,700 ठीक होकर अपने घरों को जा चुके हैं।


जर्मनी के मंत्री ने की आत्महत्या


कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हो रहे आर्थिक नुकसान की भरपाई को लेकर ‘‘बेहद चिंतित’’ जर्मनी के हेसे राज्य के वित्त मंत्री थॉमस शाएफर ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। शाएफर शनिवार को रेल पटरी पर मृत मिले थे। वीसबैडेन अभियोजक के कार्यालय ने मंत्री द्वारा आत्महत्या किए जाने की आशंका जताई है। हेसे के मुख्यमंत्री वॉल्कर बॉफियर ने एक बयान में कहा, ‘‘हम स्तब्ध हैं। हमें विश्वास नहीं हो रहा और हम अत्यंत दु:खी हैं।’’ हेसे में जर्मनी की वित्तीय राजधानी फ्रैंकफर्ट है जहां ड्यूश बैंक और कॉमर्जबैंक का मुख्यालय है। यूरोपीयन सेंट्रल बैंक भी फ्रैंकफर्ट में ही है।

 

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कर्मचारी भविष्य निधि से निकासी की सुविधा


कोरोना वायरस से जुड़ी पाबंदियों के बीच श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के छह करोड़ से अधिक अंशधारकों को अपने खाते से आंशिक रूप से पैसा निकालने की अनुमति दे दी है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 21 दिन के ‘लॉकडाउन’ के कारण कामकाज ठप होने से लोगों को होने वाली परेशानियों से राहत देने के लिये यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) का अनुपालन करने वाले अपने सभी अंशधारकों के लिये शनिवार की सुबह से पूरी तरह से ऑनलाइन दावा निपटान सुविधा शुरू की है।


शराब नहीं मिलने पर केरल में दो लोगों ने की आत्महत्या


कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण शराब नहीं मिलने से परेशान होकर केरल में दो लोगों ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि त्रिसूर जिले के कोडंगलूर के सुनीश ने कथित तौर पर नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि पिछले दो दिनों से शराब नहीं मिलने से परेशान होकर नोफल ने आफ्टर शेव लोशन पी लिया। जांच अधिकारी ने कहा, "सुनीश भी शराब न मिलने से परेशान हो गया था।” शिकायत में कहा गया है कि वह देर रात घर से निकला और नदी में कूद गया। उसका शव त्रिसूर जिले के इरिनजलाकुडा से बरामद किया गया।


-नीरज कुमार दुबे


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