डॉक्टरों ने कहा कि गुजरात के जामनगर में क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार (सीसीएचएफ), जिसे आमतौर पर कांगो बुखार कहा जाता है। इससे 51 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई, जो पिछले पांच वर्षों में संक्रमण से होने वाली पहली मौत है। व्यक्ति की पहचान मोहनभाई के रूप में हुई, एक पशुपालक था। उन्हें 21 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 27 जनवरी को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
उनके रक्त का नमूना पुणे की एक प्रयोगशाला में भेजा गया, जहां वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई। जामनगर मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त डीन डॉ. एसएस चटर्जी ने कहा, 'यह पांच साल में शहर में सामने आया पहला मामला है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। याचिकाकर्ता ने कहा कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उसकी कई सर्जरी हुई हैं और इलाज का खर्च वहन करने में उसे अपनी मां के साथ वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ा। उन्होंने तर्क दिया कि अपने जैविक पिता की पहचान करने से उन्हें बहुत आवश्यक सहायता प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
मोहनभाई की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उनके आवास के पास के इलाके में निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों ने उसके परिवार को आगे के मामलों को रोकने के लिए स्वच्छता बनाए रखने की भी सलाह दी है। इस वायरस से संक्रमित मरीजों को बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या होती है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा, अन्य लक्षणों में संक्रमण के दो से चार दिनों के बाद अनिद्रा, अवसाद और पेट दर्द और मुंह, गले और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं।