Famous Shani Temple: भारत के 5 फेमस मंदिर जहां दर्शन मात्र से दूर होते हैं कष्ट, आप भी कर आएं दर्शन

By अनन्या मिश्रा | Jun 03, 2024

हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है। यह शनिवार और शनिग्रह के देवता हैं। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। वहीं शनिदेव की कुदृष्टि और नकारात्मक प्रभावों के डर से लोग इनकी उपासना करते हैं। इस बात में कोई दोराय नहीं कि शनिदेव कर्म के हिसाब से फल देते हैं। लेकिन जो लोग सच्चे, परिश्रमी, छल-कपट से दूर, आत्मसंयम और सच्चे प्रयासों के साथ अपना जीवन बनाते व जीते हैं। उन पर शनिदेव की विशेष कृपा होती है।


बता दें कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनिदेव का जन्म हुआ था। ऐसे में ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस साल 06 जून 2024 को शनि जयंती मनाई जा रही है। अगर आप भी शनिदेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस शनि जयंती आप भी शनिदेव के मंदिर जाकर उनके दर्शन व उपासना कर सकते हैं। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको भारत के 5 फेमस शनि मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।

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शनिश्वर भगवान मंदिर, तमिलनाडु

तमिलनाडु के तिरुनल्लार में स्थित यह मंदिर भारत के प्रमुख नवग्रह मंदिरों में से एक है। मान्यता के मुताबिक जो भी जातक इस मंदिर में शनि देव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है, उसके ऊपर से दुर्भाग्य, शनि दोष, नकारात्मक प्रभाव और विपत्तियां आदि कम हो जाती हैं। साथ ही कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति को सकारात्मक किया जा सकता है। बताया जाता है कि इस मंदिर में महादेव के सामने शनिदेव ने अपनी सारी शक्तियां खो दी थीं। यहां पर मौजूद नलन तीर्थ के पवित्र सरोवर में स्नान करने से पिछले कर्मों के दुर्भाग्य और कष्ट दूर होते हैं।


येरदनूर शनि मंदिर, तेलंगाना

तेलंगाना के मेदक जिले में स्थित येरदनूर शनि मंदिर में भगवान शनिदेव की 20 फीट ऊंची काले रंग की एक विशाल मूर्ति है। इस मूर्ति का वजन 9 टन है। जिन जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति अशुभ होती है, वह शनि के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए इस मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं। इस मंदिर में सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाया जाता है। ऐसे में आप भी इस मंदिर में दर्शन करने के साथ शनि देव की कृपा पाने के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।


शनि महात्मा मंदिर, कर्नाटक

ऐसा माना जाता है कि चिक्का मड्डूर जिले में इस मंदिर के निर्माण क्षेत्र के एक स्थानीय किसान ने करवाया था। शनिवार के दिन, विशेष रूप से हिंदू श्रावण मास के दौरान, मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इन लोगों का मानना है कि यहां भगवान की पूजा करने या उनके लिए विशेष पूजा करने से पंचम या अष्टम शनि के हानिकारक प्रभावों को कम या खत्म किया जा सकता है। मंदिर के सामने, चूल्हे में भक्त तिल के तेल में भिगोए हुए काले कपड़े के छोटे टुकड़े में बंधे काले तिल डालते हैं।


शनि शिंगणापुर, महाराष्ट्र

यह मंदिर महाराष्ट्र के नेवासा तालुका में स्थित है, और यह देश का सबसे बड़ा शनि मंदिर माना जाता है। यह मंदिर अपनी अनोखी बनावट के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें न तो छत है और न ही दीवारें। यहां शनि देव को पांच फुट ऊंचे काले पत्थर के रूप में दर्शाया गया है, जो एक चबूतरे पर स्थापित है जिसे सोनई के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि स्थानीय लोगों को नदी में बहता हुआ एक काला पत्थर मिला था, जिससे खून निकल रहा था। ग्राम मुखिया को स्वप्न में दर्शन हुआ और बताया गया कि यह पत्थर शनि देव का प्रतीक है। उन्होंने मुखिया को आदेश दिया कि पत्थर को गांव के मध्य में स्थापित किया जाए।


शनि धाम मंदिर, दिल्ली

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित शनि धाम मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। यहां पर प्राकृतिक चट्टान से शनि देव की 21 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई। शनि देव की इस मूर्ति को दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति मानी जाती है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस मंदिर में शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से उनको जीवन में आने वाली परेशानियों का अंत हो जाता है। वहीं यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमार है और इस मंदिर में जाकर पूजा करता है। तो उसे बीमारी से मुक्ति मिल सकती है।

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