By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 12, 2019
पटना/ मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर सहित कुल पांच जिलों में मस्तिष्क ज्वर समेत अन्य अज्ञात बीमारी से अब तक 36 बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि 135 बच्चों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद ने सोमवार देर शाम बताया कि प्रदेश के पांच जिलों-मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, वैशाली, पूर्वी चंपारण में हाइपोग्लाइसीमिया और अन्य अज्ञात बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर अब 36 हो गयी है। इनमें से 26 बच्चे मुजफ्फरपुर के हैं। उन्होंने बताया कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या बढकर 30 पहुंच गयी है जबकि 124 बच्चों का इलाज चल रहा है। शैलेश ने बताया कि बीमार बच्चों में से अधिकांश हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त में चीनी की कमी) से ग्रसित हैं।
मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए मंगलवार को कहा कि बच्चों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इलाज को लेकर तत्परता के साथ ही जमीनी स्तर पर आम आवाम को जागरूक करने का कार्य भी करें। घोष ने निर्देश दिया कि सभी आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका, आशा और एएनएम को वार्ड स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम में तत्काल उनकी सहभागिता सुनिश्चित कराये जाऐं। बैठक में उपस्थित सिविल सर्जन ने अपील की है कि यदि बच्चे में ऐसा कोई लक्षण दिखाई दे तो तत्काल उसे नजदीक के अस्पताल में पहुंचाएं।
इसे भी पढ़ें: जदयू का आरोप, बंगाल को मिनी पाकिस्तान बना रही हैं ममता बनर्जी
घोष ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि घर-घर मे ओआरएस उपलब्ध करावें। इस बीच स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि 80 प्रतिशत मामले हाइपोग्लाइसीमिया के हैं न कि एईएस के, जैसा की मीडिया में खबरें आयी हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवा के प्रधान निदेशक के नेतृत्व में एक टीम स्थिति का जायजा लेने के लिए मुजफ्फरपुर गयी जो कि पटना लौट आएगी।
इसे भी पढ़ें: बिहार के बाहर NDA का हिस्सा नहीं रहेगी जदयू, चार राज्यों में अपने दम पर लड़ेगी चुनाव
पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हाल में मुजफ्फरपुर में जिन बच्चों की मृत्यु हुयी है, वह बहुत ही दुखद है। हमलोगों को इससे काफी पीड़ा और तकलीफ हुयी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने अपनी एक टीम इसके लिये भेजी है और इसके लिये किये जा रहे उपायों का भी जायजा लेगी। इसके लिये जागरूकता अभियान चलाने की भी जरूरत है ताकि अपने बच्चों की हिफाजत लोग अच्छे ढंग से कर सकें।