By अंकित सिंह | Jul 26, 2022
संसद के मानसून सत्र का आज सातवां दिन है। सातवें दिन भी विपक्ष अलग-अलग मुद्दों को लेकर लगातार हंगामा कर रहा है। इन सब के बीच हंगामा कर रहे हैं। विपक्ष के 19 सांसदों को एक सप्ताह के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। इनमें विभिन्न दलों के सांसद शामिल हैं। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, मौसम नूर, शांता छेत्री, डोला सेन, अभिरंजन विश्वास और मोहम्मद नदीम उल हक शामिल हैं। इसके अलावा आर वद्दीराजू, एस कल्याणासुंदरम, आर गिररंजन, एनआर इलांगो, एम शणमुगम, दामोदर राव दिवाकोंडा और पी संदोष कुमार को भी निलंबित किया गया है। इन सांसदों को सदन के वेल में प्रवेश करके नारेबाजी करने के लिए निलंबित किया गया है।
राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामा कर रहे कई विपक्षी सदस्यों को इस सप्ताह की शेष बैठकों के लिए निलंबित किये जाने के बावजूद उनके सदन से बाहर नहीं जाने तथा हंगामे के कारण कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर 42 मिनट पर एक घंटे के लिए स्थगित किया गया है। हंगामे के कारण आज भी उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया। सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाया। हालांकि इस दौरान भी कार्यवाही 15 मिनट के लिए बाधित हुई। प्रश्नकाल समाप्त होते ही उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।
हंगामे के बीच जैविक उर्वरक, आयुष चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा, सागरमाला परियोजना और जीएसटी सहित विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों ने सवाल किए और संबंधित मंत्रियों ने इनके जवाब भी दिए। उपसभापति ने आसन के समक्ष आकर हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अनुरोध किया कि वे अपने-अपना स्थान पर लौट जाएं और प्रश्नकाल के दौरान व्यवधान ना पैदा करें। हालांकि सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने सदस्यों के इस आचरण को ‘‘अशोभनीय’’ करार दिया और कुछ सदस्यों को सदन में ‘पोस्टर’ लहराने पर चेतावनी भी दी।