By अंकित सिंह | Aug 10, 2022
बिहार में आज एक बार फिर से नीतीश कुमार 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। इस बार नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं। सरकार गठन का फार्मूला भी तय हो चुका है। आज दोपहर 2:00 बजे नीतीश कुमार राजभवन में शपथ लेंगे। राज्यपाल फागू चौहान उन्हें एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके साथ ही खबर यह है कि नीतीश कुमार के अलावा मंत्रिमंडल में 35 मंत्री हो सकते हैं। राजद से 16 मंत्री होंगे। जदयू के 13 मंत्री होंगे। इसके अलावा खबर यह भी है कि कांग्रेस के पांच और वामदलों के दो नेता मंत्री बन सकते हैं। हालांकि एक और खबर यह भी है कि गृह विभाग नीतीश कुमार के ही पास रहेगा।
मंगलवार को इस तरह की खबरें जोरों पर थी कि तेजस्वी यादव हर हालत में गृह विभाग अपने पास रखना चाहते हैं। लेकिन अब खबर यह है कि गृह विभाग नीतीश कुमार के ही पास रहेगा। जदयू की ओर से भाजपा पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया गया था। यही कारण रहा कि जदयू ने एनडीए से बाहर निकलने का फैसला लिया है। वहीं, भाजपा की ओर से लगातार इन जदयू पर जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाया जा रहा है। भाजपा यह दावा कर रही है कि जदयू ने पीठ में छुरा घोंपा है। भाजपा अब नीतीश कुमार को पलटूराम बोल रही है जो कि लालू यादव पहले बोला करते थे। भाजपा ने अपने पुराने सहयोगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ‘‘आदतन धोखेबाज’’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ उनका नया गठबंधन बिहार को एक बार फिर अराजकता और भ्रष्टाचार की खाई में धकेल देगा।
भाजपा नीत राजग को छोड कुमार आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वह सात दलों के गठबंधन जिसे एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है, का नेतृत्व करेंगे। नीतीश कुमार (71 वर्षीय) ने राज्यपाल से दो बार मुलाकात की थी। पहली बार राजग गठबंधन का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा जबकि दूसरी बार तेजस्वी सहित विपक्षी महागठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी। बिहार विधानसभा में इस समय 242 सदस्य हैं और बहुमत हासिल करने का जादुई आंकड़ा 122 है। जदयू के पास अपने45 विधायक हैं और एक निर्दलीय विधायक का उसे समर्थन प्राप्त है जबकि राजद के पास 79 विधायक हैं। कांग्रेस के पास 19 जबकि भाकपा-माले के 12 विधायक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) औरमार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो-दोविधायकों ने भी उन्हें समर्थन के पत्र दिए हैं। हिंदुस्तानी अवाम मोर्च के चार विधायक भी कुमार के साथ हैं।