By रेनू तिवारी | Feb 07, 2021
उत्तराखंड के चमौली में रविवार को ग्लेशियर टूटने की खबरें आ रही है। ये हादसा चमोली के रैणी गांव के पास हुआ। ग्लेशियर टूटने से उत्तराखंड में भारी तबाही का अनुमान लगाया जा रहा है। ग्लेशियर का प्रभाव काफी प्रकोप है वह लगातार तेजी से बह रहा है। प्रसाशन की टीम सुरक्षा कार्यों के लिए रवाना हो गयी है। इस तबाही के कारण ऋषि गंगा प्रोजेक्ट को भी बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। ऋषि गंगा बिजली परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक मजदूर सीधे प्रभावित हो सकते हैं, समाचार एजेंसी पीटीआई ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल के हवाले से बताया है।
डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा बिजली परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि वे परियोजना स्थल पर अपने लगभग 150 श्रमिकों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के लिए देहरादून में तैनात दो एमआई -17 और वायु सेना के एक एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर सहित तीन हेलिकॉप्टर भेजे गये हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही उत्तराखंड के हालात का जायजा लेने के लिए आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल से बात की है। गृह मंत्री ने एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान और आपदा प्रबंधन अधिकारियों से भी बात की।
आईटीबीपी के सूत्रों का कहना है स्थिति सामान्य हो रही है। सूत्रों ने कहा है कि जल प्रवाह नियंत्रित होने के साथ स्थिति सामान्य हो रही है। सूत्रों ने कहा, ऋषिगंगा बांध टूटने के कारण पानी खत्म हो गया। आईटीबीपी की टीमें मौके पर हैं।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धौली गंगा, जोशीमठ नदी में बड़े पैमाने पर बाढ़ के कारण रविवार को क्षेत्र में एक ग्लेशियर के टूटने की सूचना मिली। तपोवन क्षेत्र में ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भी भारी बाढ़ ने नुकसान पहुंचाया है।