ईरानी बंदरगाह पर मिसाइल ईंधन की खेप से जुड़े भीषण विस्फोट में 14 लोगों की मौत, 750 घायल

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By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 27, 2025

ईरानी बंदरगाह पर मिसाइल ईंधन की खेप से जुड़े भीषण विस्फोट में 14 लोगों की मौत, 750 घायल

दक्षिणी ईरान के एक बंदरगाह पर मिसाइल प्रणोदक बनाने में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक घटक की खेप से कथित तौर पर जुड़े भीषण विस्फोट में 14 लोगों की मौत हो गई और करीब 750 अन्य घायल हो गए। प्रारंभिक विस्फोट के कुछ घंटों बाद हेलीकॉप्टर आग पर काबू पाने के लिए पानी की बौछार करते नजर आए।

शाहिद राजाई बंदरगाह पर यह विस्फोट ऐसे समय हुआ जब ईरान और अमेरिका ने तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर तीसरे दौर की वार्ता के लिए ओमान में शनिवार को मुलाकात की थी। ईरान में किसी ने भी यह नहीं कहा कि यह विस्फोट किसी हमले के परिणामस्वरूप हुआ है।

बहरहाल, वार्ता का नेतृत्व कर रहे ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बुधवार को स्वीकार किया कि ‘‘वैध प्रतिक्रिया के वास्ते उकसाने के लिए विध्वंसक कृत्य और हत्या के प्रयासों की पिछली घटनाओं को देखते हुए हमारी सुरक्षा सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं।’’

ईरान के गृह मंत्री एस्कंदर मोमेनी ने सरकारी मीडिया को हताहतों की संख्या बताई लेकिन बंदर अब्बास के ठीक बाहर आग लगने के कारणों के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। इस आग के कारण अन्य कंटेनरों में भी विस्फोट होने की खबर है। इस संबंध में एक सुरक्षा कंपनी ने बताया कि बंदरगाह पर कथित तौर पर मिसाइल ईंधन के लिए रसायन लाया गया था।

निजी सुरक्षा कंपनी एम्ब्रे ने कहा कि बंदरगाह पर मार्च में ‘‘सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन’’ की खेप आई थी। यह ईंधन चीन से दो जहाजों द्वारा ईरान भेजी गई खेप का हिस्सा है, जिसके बारे में जनवरी में ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने पहली बार खबर प्रकाशित की थी। इस ईंधन का उपयोग ईरान में मिसाइल भंडार को पुन: स्थापित करने के लिए किया जाना था, जो गाजा पट्टी में हमास के साथ युद्ध के दौरान इजराइल पर सीधे हमलों के कारण समाप्त हो गया था।

एम्ब्रे ने कहा, ‘‘यह आग कथित तौर पर ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों में उपयोग के लिए भेजे गए ठोस ईंधन की खेप को ठीक तरीके से नहीं रखने की वजह से हुआ।’’ ‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने ‘पोत-ट्रैकिंग डेटा’ का विश्लेषण किया जिसके अनुसार, माना जाता है कि रसायन ले जाने वाले पोतों में से एक पोत मार्च में इस क्षेत्र में था। एम्ब्रे ने भी यह कहा है। ईरान ने खेप पहुंचने की बात स्वीकार नहीं की है।

संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने शनिवार को टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया। यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान ने विशेष रूप से 2020 में बेरूत बंदरगाह विस्फोट के बाद बंदरगाह से रसायनों को क्यों नहीं हटाया। सैकड़ों टन अत्यधिक विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट के प्रज्वलन के कारण हुए उस विस्फोट में 200 से अधिक लोग मारे गए थे और 6,000 से अधिक लोग घायल हुए थे।

शनिवार को शाहिद राजाई में हुए विस्फोट की सोशल मीडिया पर उपलब्ध फुटेज में विस्फोट से ठीक पहले आग से लाल रंग का धुआं उठता हुआ देखा जा सकता है। इससे पता चलता है कि विस्फोट में कोई रासायनिक यौगिक शामिल था। सोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियो में धमाके के बाद काला धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया। अन्य वीडियो में विस्फोट के केंद्र से कई किलोमीटर या मीलों दूर इमारतों के शीशे उड़ते हुए दिखाई दिए।

प्रांतीय आपदा प्रबंधन अधिकारी मेहरदाद हसनजादेह ने कहा कि विस्फोट राजाई बंदरगाह से आए कंटेनरों से हुआ, लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया। सरकारी टीवी ने यह भी बताया कि विस्फोट के कारण एक इमारत ढह गई, हालांकि तत्काल कोई अन्य विवरण नहीं दिया गया।

गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने घटना की जांच शुरू कर दी है। राजाई बंदरगाह ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 1,050 किलोमीटर दूर होर्मुज जलडमरूमध्य में स्थित है। होर्मुज फारस की खाड़ी में एक संकरा मार्ग है, जिसके जरिए 20 प्रतिशत तेल का व्यापार होता है।

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