By अभिनय आकाश | Apr 16, 2022
तीन मुख्यमंत्रियों सहित 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने सांप्रदायिक हिंसा और अभद्र भाषा की हालिया घटनाओं के खिलाफ एक संयुक्त बयान जारी किया है। हेट स्पीच के सिलसिले में विपक्षी नेताओं ने बयान जारी करते हुए कहा है कि कट्टरता का प्रचार करने वालों और शब्दों व अपने कार्यों के माध्यम से समाज को उकसाने और भड़काने वालों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की "चुप्पी" हैरान करने वाली है। ये इस तथ्य का एक स्पष्ट प्रमाण है कि इन्हें आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है और कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही है।
संयुक्त बयान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, उनके तमिलनाडु समकक्ष और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन, राजद प्रमुख तेजस्वी यादव और एनसीपी द्वारा जारी किया गया है। अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, उनके सीपीआई समकक्ष डी राजा, फॉरवर्ड ब्लॉक के देवव्रत विश्वास, आरएसपी के मनोज भट्टाचार्य, मुस्लिम लीग के पी के कुन्हालीकुट्टी और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के दीपांकर भट्टाचार्य शामिल हैं।
विपक्षी दलों की तरफ से कहा गया कि सत्ता प्रतिष्ठान के धड़े द्वारा जिस तरह से भोजन, पहनावे, आस्था, त्योहारों और से से जुड़े मुद्दों का जानबूझकर समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए उपयोग किया जा रहा है, उससे हम बहुत क्षुब्ध हैं।’ इन नेताओं ने दावा किया कि हम घृणा भरे बोल की बढ़ती घटनाओं को लेकर बहुतचिंतित हैं। ऐसा लगता है कि इस तरह की जुबान बोलने वालों को आधिकारिक संरक्षण मिला हुआ है और इनके खिलाफ कोई सार्थक और कड़ी कार्रवाई नहीं होती है।