By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 28, 2023
नयी दिल्ली। रिलायंस, इंडोसॉल और फर्स्ट सोलर जैसी 11 कंपनियों को सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के दूसरे चरण में कुल 39,600 मेगावॉट क्षमता के सौर फोटोवोल्टिक के विनिर्माण का काम मिला है। सरकार ने 39,600 मेगावॉट क्षमता वाले घरेलू सौर पीवी मॉड्यूल के विनिर्माण का काम 11 कंपनियों को आवंटित किया है। इन सौर पीवी मॉड्यूल के उत्पादन संबंधी परियोजना के लिए कुल 14,007 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बिजली मंत्रालय ने मंगलवार को बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि पीएलआई योजना के तहत उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल बनाने के दूसरे चरण में इन कंपनियों को चुना गया है।
इनमें से 7,400 मेगावॉट की विनिर्माण क्षमता के अक्टूबर, 2024 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है जबकि 16,800 मेगावॉट क्षमता अप्रैल, 2025 तक चालू हो जाएगी। बाकी 15,400 मेगावॉट क्षमता अप्रैल, 2026 तक परिचालन में आने की संभावना है। दूसरे चरण की सौर पीवी पीएलआई परियोजनाओं के जरिये 93,041 करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है। इससे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है जिसमें से 35,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
बिजली मंत्री आर के सिंह ने पीएलआई योजना की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत उच्च प्रौद्योगिकी वाले सौर पीवी मॉड्यूल के उत्पादन से जुड़ी मूल्य शृंखला में लगातार आगे बढ़ रहा है। यह देश को सौर उपकरण विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सौर उपकरणों की पीएलआई योजना के पहले चरण में कुल 8,737 मेगावॉट की क्षमता वाली परियोजनाएं आवंटित की गई थीं। इस तरह दोनों चरणों के पूरा होने के बाद देश की कुल सौर पीवी उत्पादन क्षमता 48,337 मेगावॉट हो जाएगी।