Lockdown के 10वें दिन PM की अपील पर सियासत, जमात ने बढ़ाये Corona के मामले

By नीरज कुमार दुबे | Apr 03, 2020

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि पिछले दिनों दिल्ली स्थिति निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने वालों में अब तक 14 राज्यों के कुल 647 लोगों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले दो दिनों में तबलीगी जमात के 647 लोग कोरोना से संक्रमित पाये गये हैं। ये लोग असम, अंडमान निकोबार, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से हैं। उल्लेखनीय है कि मार्च के अंतिम सप्ताह में तबलीगी जमात द्वारा दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में आयोजित एक धार्मिक आयोजन में देश के कई राज्यों और विभिन्न देशों के लोगों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना के संक्रमण के अब तक 2301 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें पिछले 24 घंटों में सामने आये 336 संक्रमित मरीज भी शामिल हैं। 


तबलीगी जमात के सदस्य इलाज में सहयोग नहीं कर रहे


दिल्ली के अनेक अस्पतालों के डॉक्टरों ने दिल्ली सरकार से शिकायत की है कि उनके यहां भर्ती तबलीगी जमात के सदस्य मेडिकल स्टाफ के साथ सहयोग नहीं कर रहे। डॉक्टरों ने उन अस्पतालों में और उनके बाहर सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की है जहां मरकज से निकाले गये जमातियों को भर्ती कराया गया है। एक डॉक्टर ने कहा कि तबलीगी जमात के दक्षिण दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज से निकाले गये कुछ रोगी डॉक्टरों की बात नहीं मानते और दवाएं नहीं लेना चाहते। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के एक अन्य वरिष्ठ डॉक्टर ने दिल्ली सरकार से हाल ही में शिकायत की थी निजामुद्दीन मरकज से लाए गए लोग चिकित्सा कर्मियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे। गाजियाबाद में जिला अस्पताल में पृथक वार्ड में रखे गये तबलीगी जमात के सदस्यों द्वारा कथित रूप से नर्सों से बदसलूकी करने, उनके सामने भद्दी टिप्पणियां करने और पैंट उतारने का मामला पहले ही सामने आया है जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपियों के खिलाफ रासुका लगाया है।

 

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तबलीगी जमात के 960 विदेशी सदस्यों के नाम काली सूची में डाले गए, वीजा रद्द


तबलीगी जमात के जिन 960 विदेशी कार्यकर्ताओं के नाम काली सूची में डाले गए हैं उनमें चार अमेरिकी, नौ ब्रिटिश और छह चीनी नागरिक शामिल हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन सभी के पर्यटक वीजा रद्द कर दिए हैं। वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद जमात के विदेशी सदस्यों में 379 इंडोनेशियाई, 110 बांग्लादेशी, 63 म्यामां के और 33 श्रीलंकाई नागरिक शामिल हैं। इनमें से कुछ के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि तबलीगी जमात के जिन प्रतिनिधियों के नाम काली सूची में डालकर वीजा रद्द किया गया हैं उनमें 77 किर्गिस्तान, 75 मलेशिया, 65 थाईलैंड़, 12 वियतनाम, 9 सऊदी अरब और तीन फ्रांस के नागरिक शामिल हैं। सरकार ने यह भी फैसला किया है कि वह भारत आकर तबलीगी गतिविधियों में हिस्सा लेने के इच्छुक किसी भी विदेशी को पर्यटक वीजा नहीं जारी करेगी।


राष्ट्रपति ने जताई चिंता


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आनंद विहार में प्रवासी मजदूरों के एकत्र होने और निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के लोगों के शामिल होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन दो घटनाओं ने कोरोना वायरस के खिलाफ हमारे प्रयासों को धक्का पहुंचाया है। राष्ट्रपति भवन के बयान में यह बात कही गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों, उपराज्यपालों एवं प्रशासकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद किया। राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा नहीं रहे और वायरस को फैलने से रोका भी जाना चाहिए। वहीं, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अपने ट्वीट में कहा, ''आज मैंने प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों तथा उप राज्यपालों से आग्रह किया कि वे अपने राज्यों में धर्म गुरुओं से संपर्क करें और उन्हें सलाह दें कि वे अपने अनुयायियों को भीड़ भाड़ वाले धार्मिक आयोजन करने से रोकें तथा कोविड 19 संक्रमण को सीमित रखने के लिए सामाजिक व्यवहार में परस्पर दूरी अपनाएं।''

 

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बालकनी में दीया, मोमबत्ती जलाने की अपील


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में देश की ‘सामूहिक शक्ति’ के महत्व को रेखांकित करते हुए रविवार पांच अप्रैल को देशवासियों से अपने घरों की बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ''हमें कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। इसलिये पांच अप्रैल, रविवार को रात नौ बजे मैं आप सबके नौ मिनट चाहता हूं। आप घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं।’’ उन्होंने कहा कि इस रविवार हम सबको मिलकर, कोविड-19 के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसका प्रकाश की ताकत से परिचय कराना है। हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। मोदी ने लोगों से सामाजिक दूरी को बनाये रखने की अपील भी की।


राज्यों को 11,092 करोड़ रुपये देगा केंद्र


कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पृथक-वास स्थापित करने और अन्य व्यवस्थाओं के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को राज्य आपदा प्रबंधन निधि (एसडीएमआरएफ) के तहत शुक्रवार को 11,092 करोड़ रुपये की राशि दिए जाने को मंजूरी प्रदान की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की गई बैठक के दौरान मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री की ओर से दिए गए आश्वासन के बाद इस राशि को स्वीकृति प्रदान की गयी।


15 मार्च के बाद से अपराध दर में आई 42 फीसदी कमी


लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में अपराध दर में खासी कमी आई है। दिल्ली पुलिस ने 15 मार्च के बाद से लूटपाट, वाहन चोरी और अन्य अपराधों से जुड़े मामले समेत करीब 2,000 मामले दर्ज किए हैं, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 42 प्रतिशत कम है। पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 3,415 मामलों की तुलना में इस साल 15 से 31 मार्च तक कुल 1,971 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें लूटपाट के 53 मामले, छीना-झपटी के 181 मामले, गंभीर रूप से घायल करने के 27 मामले, सेंधमारी के 55 मामले, मोटर वाहन चोरी के 1,243 मामले, घर में चोरी के 66 मामले, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने के 72 मामले, अपहरण के 150 मामले, जबकि दुर्घटना के 112 मामले शामिल हैं।


'रुख बदलने वाली' दवा हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की मांग बढ़ी


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोविड-19 पीड़ित के इलाज के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन को 'रुख बदलने वाली' दवा बताये जाने और भारत समेत कई देशों की ओर से आपातकालीन परिस्थितियों में इसके इस्तेमाल को मंजूरी मिलने के बाद दवा विक्रेताओं का कहना है इस दवाई की मांग तेजी से बढ़ गई है, हालांकि अभी यह साबित भी नहीं हुआ है कि वायरस पीड़ित के इलाज में यह कारगर है भी या नहीं। हालांकि कोरोना वायरस के मरीज के उपचार में दवा की प्रभावशीलता के बड़े पैमाने पर नैदानिक परीक्षण नहीं हुए हैं, लेकिन दवा विक्रेताओं का कहना है कि वे इसकी कमी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक यह दवा मुख्य रूप से मलेरिया के रोगियों और गठिया के दर्द की शिकायत करने वालों के बीच ही मशहूर थी। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन 21 मार्च को ट्रंप के एक ट्वीट के बाद चर्चा में आई। इसके कुछ ही दिन बाद भारत समेत कई देशों ने कोरोना वायरस के इलाज के दौरान आपातकालीन परिस्थितियों और केवल कुछ लोगों पर ही इसके इस्तेमाल को मंजूरी दे दी।


31,000 से अधिक डॉक्टरों का आग्रह


सेवानिवृत सरकारी चिकित्सकों, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं (एएफएमएस) के डॉक्टरों और गैर सरकारी डॉक्टरों समेत 31,000 से अधिक चिकित्सकों ने ‘कोविड-19’ महामारी का मुकाबला करने में सरकार की मदद करने की पेशकश की है। अधिकारी ने बताया कि ऐसे डॉक्टरों के सबसे अधिक 6,656 आवेदन महाराष्ट्र से आये हैं, जबकि उत्तर प्रदेश से 2,816 आवेदन, कर्नाटक से 2060, दिल्ली से 2022, तेलंगाना से 1959, गुजरात से 1712, राजस्थान से 1478, आंध्रप्रदेश से 1685, बिहार से 969, केरल से 946 और पश्चिम बंगाल से 921 आवेदन मिले हैं। विदेश से भी तीन डॉक्टरों ने अपनी सेवा देने की इच्छा प्रकट की। इसके अलावा, झारखंड से 263 डॉक्टरों एवं जम्मू-कश्मीर से 352 डॉक्टरों ने भी आवेदन भेजा है। नीति आयोग की वेबसाइट पर 25 मार्च को भारत सरकार ने कहा था कि जो डॉक्टर देशसेवा के इस मिशन में योगदान करना चाहते हैं और इसका हिस्सा बनना चाहते हैं वे इस वेबसाइट पर दिये गये लिंक पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।


जनधन खाते में 500-500 रुपये डाले


केंद्र ने कोरोना वायरस के चलते लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को देखते हुए देश की 4.07 करोड़ गरीब महिलाओं के जनधन खाते में राहत पैकेज के रूप में शुक्रवार को 500-500 रुपये की पहली किस्त जमा की। अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी राशि अप्रैल के पहले हफ्ते के अंत तक महिलाओं के 20.39 करोड़ से अधिक जनधन खातों में जमा कराई जाएगी।


मंत्रियों के समूह ने स्थिति की समीक्षा की


देशभर में कोरोना वायरस के मामलों में अचानक वृद्धि के बीच सरकार ने शुक्रवार को देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) के कारण उत्पन्न स्थिति एवं सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की विस्तृत समीक्षा की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (जीएओएम) ने स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान, रेल मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी शिरकत की। सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने कोरोना वायरस के मामले बढ़ने से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये उठाये गए कदमों एवं व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी । इसके साथ ही लॉकडाउन के मद्देनजर पर्याप्त मात्रा में आवश्यक वस्तुओं एवं दवा की आपूर्ति सुनिश्चित करने के कदमों के बारे में जानकारी दी गई।

 

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मोमबत्ती निर्माताओं को मांग बढ़ने की उम्मीद


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को रात नौ बजे मोमबत्ती, दीये, टॉर्च, मोबाइल फोन टॉर्च जलाने के आह्वान से मोमबत्ती निर्माताओं को उम्मीद है कि इससे उनके उत्पाद की मांग बढ़ेगी। प्रधानमंत्री द्वारा शुक्रवार सुबह किए गए आह्वान के बाद सजावटी मोमबत्ती बनाने में महारत रखने वाली लक्की कैंडल इंडिया कंपनी की प्रर्वतक एम सुजाता को लगातार ग्राहकों के फोन आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता प्रकट करने के लिए रविवार रात नौ बजे नौ मिनट तक अपने अपने घरों की बालकनी और दरवाजे पर मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल फोन की टॉर्च जलाने का आह्वान किया है।


10 हजार लोगों को नौकरी देगी बिगबास्केट


किराने के सामान बेचने वाली ऑनलाइन कंपनी बिगबास्केट देश भर में लागू लॉकडाउन के दौरान लंबित आर्डरों को शीघ्रता से डिलिवर करने के लिये दस हजार लोगों को नौकरी पर रखने वाली है। कंपनी की उपाध्यक्ष (मानव संसाधन) तनुजा तिवारी ने कहा, ‘‘हम वेयरहाउस तथा डिलिवरी के लिये 10 हजार लोगों को नौकरी पर रखने की सोच रहे हैं। इन लोगों को हमारी उपस्थिति वाले सभी 26 शहरों में नौकरी पर रखा जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि अभी सभी शहरों में दबाव देखा जा रहा है लेकिन टिअर-1 शहरों में यह अधिक है। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये 25 मार्च से लॉकडाउन लागू होने के बाद ई-वाणिज्य कंपनियों को दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।


‘टीम इंडिया’ के रूप में भारत को विजयी बनाना है


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोराना वायरस से पार पाने में विराट कोहली, पीवी सिंधू, सचिन तेंदुलकर समेत शीर्ष 40 से अधिक खिलाड़ियों से लोगों को जागरूक करने का आग्रह करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में ‘टीम इंडिया’ के रूप में भारत को विजयी बनाना है। प्रधानमंत्री ने तेजी से फैल रही कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिये राष्ट्रीय लॉकडाउन के बीच खेल मंत्री कीरेन रीजीजू और देश के 40 से अधिक खिलाड़ियों से वीडियो कॉल के जरिये एक घंटे तक बात की जिनमें बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, दिग्गज सचिन तेंदुलकर और वर्तमान कप्तान विराट कोहली जैसे शीर्ष क्रिकेटर भी शामिल थे। इनमें से कुछ खिलाड़ियों ने अपने सुझाव भी रखे और मोदी ने कहा कि उन पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। तेंदुलकर ने 14 अप्रैल के बाद भी एहतियात बरतने पर जोर दिया जबकि फर्राटा धाविका हिमा दास ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस पर हमले पर दुख जताया।


यूपी सरकार का 'कोविड केयर फंड'


उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के मद्देनजर 'कोविड केयर फंड' बनाने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की। कोविड-19 से निपटने के लिये प्रदेश सरकार के प्रयासों में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से विभाग के सभी अधिकारियों, शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों एवं कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन स्वैच्छिक दिया है।


आगे आयीं पंजाब की कंपनियां


पंजाब की कुछ स्थानीय कंपनियां कोरोना वायरस संक्रमण से जारी लड़ाई के बीच सुरक्षा परिधान, एन-95 मास्क तथा सस्ते वेंटिलेटर बनाने के लिये सामने आयी हैं। इन कंपनियों ने यह पहल ऐसे समय की है जब आपूर्ति की दिक्कतों के कारण इन सामानों की मांग तेजी से बढ़ रही है। अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी परिधान बनाने वाली कंपनियों समेत 20 से अधिक कंपनियां पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) बॉडीशूट, एन-95 मास्क, थ्री प्लाई मास्क तथा सस्ते वेंटिलेटर विकसित व उत्पादित करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने बताया कि कम से कम तीन कंपनियों को साउथ इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन से पीपीई बॉडीशूट बनाने की मंजूरी मिल चुकी है। कई अन्य कंपनियां भी अपने नमूने भेज रही हैं।

 

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डब्ल्यूएचओ का स्पष्टीकरण


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के हाल के एक प्रकाशन में कहा गया है कि कोविड-19 बीमारी का कारण बनने वाला वायरस मुख्य रूप से ‘‘श्वसन की सुक्ष्म बूंदों और निकट संपर्कों’’ के माध्यम से फैलता है और यह हवा में लंबे समय तक नहीं रहता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि श्वसन संक्रमण विभिन्न आकारों की सुक्ष्म बूंदों के माध्यम से फैल सकता है। छींक आदि से कणों से संक्रमण (ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन) तब होता है जब आपका निकट संपर्क उस व्यक्ति के साथ (एक मीटर के भीतर) होता है जिसमें खांसी या छींकने जैसे श्वसन संबंधी लक्षण होते हैं जिससे ये आपके शरीर में इन सुक्ष्म बूंदों को फैला सकते है और इनका आकार आमतौर पर 5-10 माइक्रोन होता है।


विश्व भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 50,000 पार


दुनिया भर में कोरोना वायरस का संकट और गहरा गया है और शुक्रवार को मृतकों की संख्या 50,000 पार पहुंच गई। अमेरिका, स्पेन और ब्रिटेन में मरने वाले लोगों की संख्या अब भी सबसे ज्यादा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इस बीच, विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं कि दुनिया भर में कोविड-19 से 10 लाख लोगों के प्रभावित होने का आंकड़ा कुल संक्रमण का एक छोटा-सा हिस्सा हो सकता है क्योंकि इसकी जांच प्रणाली अब भी बड़े पैमाने पर उपलब्ध नहीं है। अमेरिका में कुल मामलों के करीब एक चौथाई मामले हैं, लेकिन यूरोप भी खतरे से दूर-दूर तक बाहर नहीं है। वहीं, स्पेन में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को 24 घंटे में 900 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। स्पेन में इस जानलेवा विषाणु से अब तक 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों के लिहाज से इटली अब भी पहले स्थान पर है, जबकि फ्रांस, बेल्जियम और ब्रिटेन भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ब्रिटेन की सरकार एक दिन में 569 लोगों की मौत होने के बाद जल्दी-जल्दी अस्थायी अस्पतालों को बनाने का काम कर रही है।


-नीरज कुमार दुबे

 

 

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